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राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी – 30

राधाकृष्ण | कृष्ण वाणीग्रंथों में लिखा गया है कि यदि मनुष्य मौन रहनासीख ले तो उसकी अधिकांश समस्याएं स्वयं ही समाप्त हो जाती है और...

राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी – 28

राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी मनुष्य की “सोच” संसार का सबसे गहन या कहो सबसे कठिन भाव है। कब क्या होने के पश्चात ये मन क्या...

राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी – 27

राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी कितनी सुन्दर पुस्तक है ना? सुन्दर आवरण है, सजाये हुए पृष्ठ है, किन्तु क्या ये सत्य में अद्भुत पुस्तक कहलाने की पात्र...

राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी – 20

राधाकृष्ण | कृष्ण वाणीहम में ऐसा कोई नहीं होगा जिसने वृक्षों को नहीं देखा, वृक्षों पर इन पक्षियों का ना देखा, इनके घोंसलों को...

राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी – 17

राधाकृष्ण | कृष्ण वाणीमन बड़ी ही विचित्र कृति है ये मन, शरीर के किस अंग में बसता है कोई नहीं जानता। किन्तु सम्पूर्ण शरीर इस मन...

राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी – 16

राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी जब से मनुष्य जाति का अस्तित्व बना है तभी से युद्ध भी अस्तित्व में आया। युद्ध जो कभी धन का द्वन्द बन के...

राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी – 15

राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी संसार में सबसे बड़ी शक्ति क्या है? अब आपमें से कुछ कहेंगे शस्त्र की कुछ कहेंगे शास्त्र की, कोई कहेगा बुद्धि की तो...

राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी – 14

राधाकृष्ण | कृष्ण वाणीमनुष्य का स्वभाव है कमाना, संग्रह करना फिर चाहे वो धन हो, नाते हो, संबंध हो या हो प्रसन्नता, परन्तु क्या आपने कभी...

राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी – 13

राधाकृष्ण | कृष्ण वाणीभयभय सबको होता है चाहे वो पशु हो, पक्षी हो या मनुष्य।वास्तविकता में मनुष्य भय को अपने साथ लेके ही जन्म...

राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी – 12

राधाकृष्ण | कृष्ण वाणीप्रेम संसार का सबसे पवित्र बंधन है, पर सच पूछो तो ये बंधन से मुक्ति है, स्वतंत्रता है। नहीं समझे? में समझाता हूँ...

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