Sukhkarta Dukhharta Lyrics – Jai Dev Jai Mangal Murti | सुखकर्ता दुखहर्ता लिरिक्स

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Sukhkarta Dukhharta Lyrics – Jai Dev Jai Mangal Murti

दोस्तों क्या आप Sukhkarta Dukhharta Lyrics – Jai Dev Jai Mangal Murti का पोस्ट ढूंढ रहे हो तो आपसे अनुरोध है की कुछ समय दे कर पुरे लेख को अच्छी तरह से पढ़े ताकि आपको पूरी जानकारी मिल सके। Sukh Karta Dukh Harta Aarti is a very popular devotional bhajan of Lord Ganesha.

Sukhkarta Dukhharta Aarti Info:

Singer:Pamela Jain
Music:Samuel Paul
Lyrics:Traditional
Genre:Aarti
Label:Wings Entertainment Ltd

Sukhkarta Dukhharta Lyrics in Hindi – Jai Dev Jai Mangal Murti

सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची।
नुरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची॥

सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची।
कंठी झळके माळ मुक्ताफळांची॥
जय देव, जय देव

कोरस : जय देव, जय देव जय देव, जय देव
जय मंगलमूर्ती, श्री मंगलमूर्ती
दर्शनमात्रे मन कामनापु्र्ती
जय देव, जय देव

रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा
हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा
रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया
जय देव, जय देव

कोरस : जय देव, जय देव जय देव, जय देव
जय मंगलमूर्ती, श्री मंगलमूर्ती
दर्शनमात्रे मन कामनापु्र्ती
जय देव, जय देव

लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना
सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना
दास रामाचा वाट पाहे सदना
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना

जय देव, जय देव

कोरस : जय देव, जय देव जय देव, जय देव
जय मंगलमूर्ती, श्री मंगलमूर्ती
दर्शनमात्रे मन कामनापु्र्ती
जय देव, जय देव

शेंदुर लाल चढायो अच्छा गजमुख को
दोन्दिल लाल बिराजे सूत गौरिहर को
हाथ लिए गुड लड्डू साई सुरवर को
महिमा कहे ना जाय लागत हूँ पद को

जय देव, जय देव

कोरस : जय देव, जय देव जय देव, जय देव
जय मंगलमूर्ती, श्री मंगलमूर्ती
दर्शनमात्रे मन कामनापु्र्ती
जय देव, जय देव

अष्ट सिधि दासी संकट को बैरी
विघन विनाशन मंगल मूरत अधिकारी
कोटि सूरज प्रकाश ऐसे छबी तेरी
गंडस्थल मद्मस्तक झूल शशि बहरी

जय देव, जय देव

कोरस : जय देव, जय देव जय देव, जय देव
जय मंगलमूर्ती, श्री मंगलमूर्ती
दर्शनमात्रे मन कामनापु्र्ती
जय देव, जय देव

भावभगत से कोई शरणागत आवे
संतति संपत्ति सबही भरपूर पावे
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे
गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे

जय देव, जय देव

कोरस : जय देव, जय देव जय देव, जय देव
जय मंगलमूर्ती, श्री मंगलमूर्ती
दर्शनमात्रे मन कामनापु्र्ती
जय देव, जय देव

घालिन लोटांगण, वंदिन चरण।
डोळ्यांनी पाहिन रूप तुझे।
प्रेमे आलिंगीन आनंदे पुजिन।
भावें ओवाळिन म्हणे नामा॥

त्वमेव माता च पिता त्वमेव,
त्वमेव बंधुश्च सखा त्वमेव॥
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव,
त्वमेव सर्व मम देवदेव॥

कायेन वाचा मनसेंद्रियैर्वा,
बुध्दात्मना वा प्रकृतिस्वभावात्।
करोमि यद्यत् सकलं परस्मै
नारायणायेति समर्पयामि॥

अच्युतं केशवं रामनारायणं,
कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरि।
श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं,
जानकीनायकं रामचंद्रं भजे॥

हरे राम हरे राम,
राम राम हरे हरे।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण,
कृष्ण कृष्ण हरे हरे॥

हरे राम हरे राम,
राम राम हरे हरे।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण,
कृष्ण कृष्ण हरे हरे॥

Ganesh Aarti : Jai Dev Jai Dev Jai Mangal Murti – सुखकर्ता दुखहर्ता लिरिक्स

Mangal Murti Maruti Nandanमंगल मूर्ति मारुति नंदन
Jai Jai Jai Hanuman Gosaiजय जय जय हनुमान गोसाई
Aarti Kije Hanuman Lala Kiआरती कीजै हनुमान लला की
Sankatmochan Hanuman Ashtakसंकट मोचन हनुमानाष्टक
Hanuman Chalisaहनुमान चालीसा
Ramayan Songकांधे पर दो वीर बिठाकर चले
Radhakrishna Hanuman Themeजय हनुमान ज्ञान गुण सागर

निष्कर्ष :

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