एकादशी त्यौहार का महत्व – Ekadashi 2020

15

एकादशी त्यौहार का महत्व – Ekadashi 2020

धार्मिक मान्यता है कि आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन देव विश्राम करने चले जाते हैं और फिर कार्तिक शुक्ल

पक्ष की एकादशी यानी प्रबोधिनी एकादशी के दिन ही उठते हैं,इसीलिए इसे देवउठनी ग्यारस के नाम से भी जाना जाता है।

प्रबोधिनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह कराने की भी परंपरा है | आज के दिन शालीग्राम और तुलसी का विवाह कराया जाता है | कहते हैं कि जो कोई भी ये शुभ कार्य करता है, उनके घर में जल्द ही शादी की शहनाई बजती है और पारिवारिक जीवन सुख से बीतता है | 

Ekadashi 2020

तुलसी और शालीग्राम के विवाह का आयोजन ठीक उसी प्रकार से किया जाता है, जैसे कि कन्या के विवाह में किया जाता है | 

तुलसी का पौधा पर्यावरण तथा प्रकृति का भी द्योतक है। अतः इस दिन यह संदेश भी दिया जाता है कि औषधीय पौधे तुलसी की तरह सभी में हरियाली एवं स्वास्थ्य के प्रति सजगता का प्रसार हो। इस दिन तुलसी के पौधों का दान भी किया जाता है। चार महीनों के शयन के पश्चात जागे भगवान विष्णु इस अवसर पर शुभ कार्यों के पुनः आरंभ की आज्ञा दे देते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here