24 अवतारों का क्रम निम्न है
नर और नारायण – अर्जुन और कृष्ण
भगवान ब्रह्मा के पुत्र धर्म की पत्नी रुचि के माध्यम से श्रीहरि विष्णु ने नर और नारायण नाम के दो ऋषियों के रूप में अवतार लिया। जन्म लेते ही वे बदरीवन में तपस्या करने के लिए चले गए। उसी बदरीवन में आज बद्रीकाश्रम बना है। वहीं नर और नारायण नामक दो पहाड़ है। वहीं पास में केदारनाथ का पवित्र शिवलिंग है जिसे नर और नारायण ने मिलकर ही स्थापित किया था। यह लगभग 8 हजार ईसा पूर्व की बात है।
अर्जुन और कृष्णा महाभारत में अहम् भूमिका है. इसके माध्यम से उनके जीवन मे प्रकाश डालने का प्रयास किया गया है. कृष्णा ने भागवत गीता में अर्जुन से कहा था की वो नर और श्री कृष्ण हरी नारायण है. नर और नारायण विष्णु का रूप थे. कर्ण जो दम्भोद्भावा का रूप था जिसके 999 कवच तो नर और नारायण ने मार दिए थे लेकिन एक जो बच गया था और कर्ण के रूप में जन्म लिया था उसे मारने के लिए नर और नारायण अर्जुन और कृष्ण के रूप में आते है . यही वजह है कि अर्जुन और कृष्ण के बीच गहरी दोस्ती रहती है. नर के रूप में अर्जुन ही फिर कर्ण का वध करता है
अर्जुन ने अपने-आपको श्रीकृष्ण को समर्पित कर दिया था| अर्जुन होता हुआ भी, नहीं था, इसलिए कि उसने जो कुछ किया, अर्जुन के रूप में नहीं, श्रीकृष्ण के सेवक के रूप में किया| सेवक की चिंता स्वामी की चिंता बन जाती है|