मृत्यु अटल सत्य है | Spiritual Stories in Hindi

52
मृत्यु अटल सत्य है

मृत्यु एक अटल सत्य है | Spiritual Stories in Hindi

दोस्तों पुराने समय की बात हे जब श्रीकृष्ण की नगरी में एक श्याम नमक युवक रहता था जो भगवन श्री कृष्ण का भक्त था और सभी पर दया भाव भी रखता था जरियातमंद लोगो की सेवा भी किया करता था किसी से भी वैरभाव नहीं था उनके इसी गुणों के कारन श्री कृष्ण इससे बहुत प्रसन्न थे

उस समय श्याम अपने मित्र कृष्ण को देख भी सकता था और सुन भी सकता था उसी खुशहाल जिंदगी में श्याम खुश भी था और श्रीकृष्ण को अपना परम मित्र भी मानता था

एक दिन की बात हे जब श्याम के पिताजी की तबियत खराब हो गयी और उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया उनके पिताजी की हालत गंभीर थी इसीलिए डॉक्टरों ने कहा की वो ज्यादा उम्मीद नहीं रख सकते उधर श्याम ने अपने पिताजी को बचाने के लिए डॉक्टर की आगे हाँथ जोड़े और मन्नते भी मांगी लेकिन डॉक्टर ने भगवान् पर भरोसा रखने के लिए कहा

तभी श्याम को अपने मित्र श्रीकृष्ण की याद आयी और उन्होंने श्रीकृष्ण को पुकारा और श्रीकृष्ण भी वहा आ पहुंचे अब श्याम ने कृष्ण से कहा तुम तो भगवान् हो मेरे पिता को बचा लो तब श्रीकृष्ण ने कहा ये मेरे हांथो में नहीं हे अगर नियति अनुसार मृत्यु का समय आ गया हे तो होना तय हे इस पर श्याम नाराज हो गए और श्रीकृष्ण से लड़ने लगे तभी भगवान श्री कृष्ण ने युक्ति की और कहा की में तुम्हारी मदद कर सकता हु लेकिन इसके लिए आपको एक कार्य करना होगा श्याम उस कार्य को जाने बिना ही करने के लिए तैयार हो गए

श्री कृष्ण ने कहा आपको किसी एक घर से मुठ्ठी भर गेहू लाना होगा लेकिन ध्यान रखना होगा की उस घर में कभी भी किसी की मृत्यु न हुए हो श्याम हां बोलकर तलाशने निकल पड़े उसने कई सारे घर छान मारे | हर घर में गेहू तो होती लेकिन ऐसा कोई घर नहीं मिला जहा परिवार में किसी की भी मृत्यु ना हुई हो | किसी का पिता तो किसी का दादा तो किसी के भाई-बहन तो किसी की माता की मृत्यु हो चुकी थी

अब बहुत समय ढूढ़ने के बाद उन्हें एहसास हुआ की मृत्यु एक अटल सत्य हे इसका सामना सभी को करना ही होता हे इससे कोई नहीं बच सकता और उन्हें श्रीकृष्ण की कही बात का ज्ञात हो चूका था अब श्याम ने श्रीकृष्ण से क्षमा मांगी और जब तक उनके पिता जीवित रहे उनकी सेवा की

कुछ ही दिनों में श्याम के पिता स्वर्ग सिधार गए उसे दुःख तो हुआ लेकिन श्रीकृष्ण की दी सीख के कारण उनका मन शांत हो गया

दोस्तों मृत्यु पर दुःख तो सभी को होता हे पूरी मानव जाती को होता हे क्युकी उनके साथ बीते समय याद जो आते हे लेकिन मृत्यु एक अटल सत्य हे उस सत्य को स्वीकार कर आगे बढ़ना ही जीवन हे

जो मनुष्य मृत्यु के सत्य को स्वीकार कर लेता हैं उसका जीवन भार विहीन हो जाता हैं और उसे कभी कोई कष्ट तोड़ नहीं सकता | वो जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ता जाता हैं |

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here