हनुमान चालीसा लिरिक्स अर्थ सहित | Hanuman Chalisa Lyrics with Meaning

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Hanuman Chalisa Lyrics - हनुमान चालीसा लिरिक्स अर्थ सहित

Hanuman Chalisa Lyrics : चालीस चौपाइयों का यह समूह श्री हनुमान चालीसा लिरिक्स है जिसमें सम्पूर्ण विधान है ताकिअष्ट सिद्धि एवं नव निधि की प्राप्ति की जा सके। श्री तुलसीदास जी द्वारा यह पूर्ण चालीसा अवधी भाषा में लिखी गयी है जिसके आध्यात्मिक एवं सामान्य अर्थ पर आज प्रकाश डालना आवश्यक है। हनुमान चालीसा में लिखा है जो हर दिन हनुमान चालीसा का पाठ करता है उस पर हनुमान जी के साथ ही साथ रामजी और भगवान शिव पार्वती की भी कृपा रहती है।

Hanuman Chalisa Song Info :

Singer :Hariharan
Music :Lalit Sen, Chander
Album :Shree Hanuman Chalisa
Lyrics :Traditional
Label :T-Series
Genre :Aarti
Language :Hindi

श्री हनुमान चालीसा अर्थ सहित – HANUMAN CHALISA LYRICS IN HINDI

॥ दोहा॥
श्रीगुरु चरन सरोज रज,
निज मनु मुकुरु सुधारि ।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु,
जो दायकु फल चारि ।।
बुद्धिहीन तनु जानिके,
सुमिरौं पवन-कुमार ।
बल बुधि बिद्या देहु मोहिं,
हरहु कलेस बिकार ।।

॥ चौपाई ॥
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि।
बरनऊँ रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि।।

हिंदी में अर्थ: मैं अपने श्री गुरु जी के चरण कमलों की धूल से अपने मन रूपी मुकुट को स्वच्छ करके श्री रघुवर के निर्मल यश का वर्णन करता हूँ, जो धर्म, अर्थ काम और मोक्ष को देने वाला है।

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार।।

हिंदी में अर्थ: हे पवनपुत्र! मैं आपका उपासक हूँ, आप तो यह भी जानते हैं कि मेरा शरीर और बुद्धि निर्बल है। मुझे शक्ति, सद्बुद्धि एवं ज्ञान दीजिए और मेरे दुःखों और चिंताओं का अंत कर दो।

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर॥१॥

हिंदी में अर्थ: हे हनुमान जी, हे कपीश आप ज्ञान व अनन्त गुणों के सागर हैं। आप तीनों लोकों को प्रकाशमान करते हो, आपकी जय हो

रामदूत अतुलित बलधामा।
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा॥२॥

हिंदी में अर्थ: आप राम के दूत (प्रतिनिधी) व असीम एवं अद्वितीय बल, शक्ति के भण्डार (धाम) हैं। आप अंजनिपुत्र व पवनपुत्र नाम से विख्यात हैं।

महावीर विक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी॥३॥

हिंदी में अर्थ: हे महावीर आप अत्यन्त वीर, पराक्रमी हैं । आपके अंग वज्र के समान बलिष्ठ हैं। आप पाप बुद्धि को दूर करने वाले व सद्बुद्धि का साथ देते हैं।

कंचन बरन विराज सुवेसा।
कानन कुण्डल कुंचित केसा॥४॥

हिंदी में अर्थ: आपका रंग स्वर्ण के समान है, सुन्दर वेशभूषा धारण कर शोभामान होते हैं, आप कानों में कुण्डल धारण करते हैं आपके केश, घुंघराले व अति सुन्दर हैं।

हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजै।
कॉंधे मूँज जनेऊ साजै॥५॥

हिंदी में अर्थ: आपके एक हाथ में वज्र (गदा) दूसरे में ध्वजा शोभा पाती है, आपके कन्धे पर यज्ञोपवीत शोभायमान रहता है

शंकर सुवन केसरी नंदन।
तेज प्रताप महा जग बंदन॥६॥

हिंदी में अर्थ: आप शंकर के पुत्र हैं तथा केसरी जी को आनन्द देने वाले हैं। आपकी यश, प्रतिष्ठा महान है। सारा संसार आपकी पूजा करता है।

विद्यावान गुणी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर॥७॥

हिंदी में अर्थ: आप सभी विद्याओं ( युद्ध, योग, संस्कृत) के पूर्ण अनुभवी हैं व राम जी के सभी कार्य सम्पन्न करने को व्याकुल रहते हैं।

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया॥८॥

हिंदी में अर्थ: आप राम जी की कथा सुनने के रसिया हैं। आपके हृदय में राम, लक्ष्मण जी व सीता माता सदा वास करते हैं।

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा॥९॥

हिंदी में अर्थ: आप योग-बल से छोटा रूप बनाकर सीता जी के आगे प्रकट हुये व विशाल एवं भंयकर रूप धारण कर लंका को जला डाला।

भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्र के काज संवारे॥१०॥

हिंदी में अर्थ: राम-रावण युद्ध में आपने विशाल, भंयकर रूप धारण कर राक्षसों का संहार किया, रामचन्द्र जी के अनेक कार्य सम्पन्न किये।

लाय सजीवन लखन जियाये।
श्री रघुबीर हरषि उर लाये॥११॥

हिंदी में अर्थ: आपने हिमालय से संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण जी को जीवित किया, प्रभु राम ने प्रसन्न हो भाई की भाँति आपको छाती से लगा लिया।

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई॥१२॥

हिंदी में अर्थ: प्रभु राम जी ने आपकी बहुत प्रशंसा की और कहा हनुमान! “तुम भरत के समान ही मेरे प्रिय भाई हो”

सहस बदन तुम्हरो यश गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं॥१३॥

हिंदी में अर्थ: सहस्त्रों मुख तुम्हारा यशोगान कर रहे हैं, ये कह कर लक्ष्मीपति भगवान ने पुनः हनुमान जी को गले लगा लिया।

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा॥१४॥

हिंदी में अर्थ: यह सारे ऋषि मुनि, देवी-देवता एवं ब्रह्मा जी, सरस्वती, नारद सभी आपके साथ हैं।

यम कुबेर दिगपाल जहाँ ते।
कवि कोविद कहि सके कहाँ ते॥१५॥

हिंदी में अर्थ: यमराज, कुबेर जी और अन्य ज्ञानी जन सब ही आपका गुण गान करते हैं। बोलो पवनपुत्र हनुमान जी की जय।

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राज पद दीन्हा॥१६॥

हिंदी में अर्थ: आपने सुग्रीवजी को श्री राम से मिलवाकर उन पर महान् उपकार किया, राम मिलन से ही उन्हें किष्किन्धा का राज्य प्राप्त हुआ।

तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना।
लंकेस्वर भये सब जग जाना॥१७॥

हिंदी में अर्थ: आपका परामर्श मानकर विभीषण प्रभु राम की शरण में गये, जिसके कारण वे लंका के राजा बने, ये बात सारा संसार जानता है।

जुग सहस्र योजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥१८॥

हिंदी में अर्थ: आपने बाल्यकाल में हजारों योजन की दूरी पर स्थित सूर्य को एक मधुर (मीठा) फल जान मुँह में रख लिया था।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गए अचरज नाहीं॥१९॥

हिंदी में अर्थ: वह मुद्रिका जो समस्त कार्यों को पूर्ण कराने वाली तथा सब विघ्न बाधाओं को हरने वाली थी उसे मुंह में रख आपने विशाल सागर को पार किया, इसमें अचरज नहीं है।

दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥२०॥

हिंदी में अर्थ: संसार में लोगों के जितने भी कठिन कार्य हैं वे आपकी कृपा से सरल हो जाते हैं।

राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे॥२१॥

हिंदी में अर्थ: प्रभु रामके द्वार (बैकुण्ठ) के आप रखवाले हैं आपकी आज्ञा के बिना कोई भी उस धाम में प्रवेश नहीं कर सकता।

सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डरना॥२२॥

हिंदी में अर्थ: जो आपकी शरण में आता है वह सब सुखों को प्राप्त करता है और जब आप स्वयं उसके रक्षक हैं तो उसे फिर किस बात का डर है।

आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै॥२३॥

हिंदी में अर्थ: आपका तेज अत्यन्त प्रचण्ड है, उसे स्वयं आप ही सम्भाल सकते हैं। आपकी एक हुँकार से ही तीनों लोक कांप उठते हैं।

भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
महावीर जब नाम सुनावै॥२४॥

हिंदी में अर्थ: यदि किसी को भूत-पिशाच दिखायी देते हों तो हे महावीर जी आपका नाम लेने भर मात्र से वह तुरन्त भाग जाते हैं। (आपका नाम राम बाण) की भाँति है।

नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा॥२५॥

हिंदी में अर्थ: आपके नाम का निरन्तर जाप करने से सब रोग व पीड़ायें (आदि भौतिक, आदि दैविक तथा आध्यात्मिक) ये तीनों ताप भी दूर हो जाते हैं।

संकट ते हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥२६॥

हिंदी में अर्थ: जो व्यक्ति मन, वाणी व शरीर से हनुमान जी का स्मरण व पूजा करते हैं, हनुमान जी उनके सब संकट दूर कर देते हैं।

सब पर राम तपस्वी राजा।
तिनके काज सकल तुम साजा॥२७॥

हिंदी में अर्थ: तपस्वी राम सारे संसार के राजा (स्वामी) हैं। फिर भी हनुमान जी आपने उनके सारे कठिन कार्य सम्पन्न किये।

और मनोरथ जो कोई लावै।
सोइ अमित जीवन फल पावै॥२८॥

हिंदी में अर्थ: जो कोई अपनी सांसारिक इच्छा लेकर आता है, उसे तो आप पूरा करते ही हैं। पर साथ ही राम भक्ति का मार्ग दिखाते हैं जिसरे, मुनष्य जीवन का अमूल्य फल ( मोक्ष) प्राप्त करता है।

चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा॥२९॥

हिंदी में अर्थ: आपका प्रभाव चारों युगों (सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर तथा कलियुग) में फैला है वह प्रताप जगत को प्रकाशमान करने के लिये प्रसिद्ध है।

साधु संत के तुम रखवारे।
असुर निकन्दन राम दुलारे॥३०॥

हिंदी में अर्थ: आप सज्जनों, प्रभु भक्तों की रक्षा करने वाले व दुष्टों का नाश करने वाले हैं। प्रभु राम को पुत्र के समान प्रिय हैं।

अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता।
अस वर दीन जानकी माता॥३१॥

हिंदी में अर्थ: आपको माता सीता की ओर से आठ सिद्धियों और नौ निधियों का जो वरदान मिला है, उनकी शक्ति से आप किसी को भी सब प्रकार की सम्पत्ति दे सकते हैं।

राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा॥३२॥

हिंदी में अर्थ: आपके पास राम भक्ति रूपी रसायन है, जो किसी को भी सर्वश्रेष्ठ बना सकता है। आप रघुपति दास के रूप में लोगों को राम भक्त बनाते हैं।

तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम जनम के दुख बिसरावै॥३३॥

हिंदी में अर्थ: आपके लिये किये गये सभी भजन श्री राम तक पहुंचते हैं। जिससे जन्म-जन्मान्तर के दुःख दूर हो जाते हैं।

अन्त काल रघुबर पुर जाई।
जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई॥३४॥

हिंदी में अर्थ: आपके भजनों की कृपा से ही प्राणी अन्त समय श्री राम के धाम को प्राप्त करते हैं और यदि मृत्युलोक में जन्म लेंगे, तो भक्ति करेंगे व हरि भक्त कहलायेंगे।

और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेइ सर्व सुख करई॥३५॥

हिंदी में अर्थ: राम भक्ति में (कृष्ण, विष्णु, शिव) सब एक हैं। हे हनुमान जी, जो भक्त सच्चे मन से आपकी सेवा करते हैं! उन्हें सब सुख प्राप्त होते हैं।

संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥३६॥

हिंदी में अर्थ: महावीर जी की उपासना भक्ति से मनुष्य के सारे संकट, कष्ट, दुःख मिट जाते हैं। वह से जन्म-मरण (भव) की पीड़ा मुक्त हो जाता है।

जय जय जय हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं॥३७॥

हिंदी में अर्थ: हे हनुमान जी, हे गोस्वामी जी ( जिसने दसों इन्द्रियों को वश में किया हो) आपकी जय हो। गुरु की भांति मुझ पर कृपा करें।

जो शत बार पाठ कर कोई।
छूटहिं बंदि महासुख होई॥३८॥

हिंदी में अर्थ: जो व्यक्ति हनुमान चालीसा का शत (निरन्तर ) पाठ करता है वह जन्म-मरण के बन्धन से मुक्त हो शाश्वत् आनन्द प्राप्त करता है।

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा॥३९॥

हिंदी में अर्थ: जो व्यक्ति हनुमान चालीसा को पढ़ता है उसकी सब मनोकामनायें सफल होती हैं इस बात की साक्षी स्वयं भगवान शंकर ने दी है।

तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा॥४०॥

हिंदी में अर्थ: तुलसीदास जी कहते हैं कि हे प्रभु आप राम के दास है और मैं आपका दास हूँ। अतः हे श्री हनुमान जी आप मेरे हृदय में विराजें।

॥ दोहा ॥

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
रामलखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।

हिंदी में अर्थ: हे पवन पुत्र! संकटों, दुखों कष्टों को दूर करने वाले एवं परम कल्याण की साक्षात मूर्ति और आप जो देवताओं के राजा हैं । राम, लक्ष्मण, सीता जी के साथ मेरे हृदय में वास कीजिए।

Shree Ram Chalisaश्री राम चालीसा
Shree Shiv Chalisaशिव चालीसा
Shree Ganesh Chalisaश्री गणेश चालीसा
Shree Krishna Chalisaश्रीकृष्ण चालीसा
Shree Laxmi Chalisaश्री लक्ष्मी चालीसा
Shree Saraswati Chalisa श्री सरस्वती चालीसा

Hanuman Chalisa Lyrics in Gujarati – હનુમાન્ ચાલીસા

દોહા
શ્રી ગુરુ ચરણ સરોજ રજ નિજમન મુકુર સુધારિ ।
વરણૌ રઘુવર વિમલયશ જો દાયક ફલચારિ ॥
બુદ્ધિહીન તનુજાનિકૈ સુમિરૌ પવન કુમાર ।
બલ બુદ્ધિ વિદ્યા દેહુ મોહિ હરહુ કલેશ વિકાર ॥

ચૌપાઈ
જય હનુમાન જ્ઞાન ગુણ સાગર ।
જય કપીશ તિહુ લોક ઉજાગર ॥ 1 ॥

રામદૂત અતુલિત બલધામા ।
અંજનિ પુત્ર પવનસુત નામા ॥ 2 ॥

મહાવીર વિક્રમ બજરંગી ।
કુમતિ નિવાર સુમતિ કે સંગી ॥3 ॥

કંચન વરણ વિરાજ સુવેશા ।
કાનન કુંડલ કુંચિત કેશા ॥ 4 ॥

હાથવજ્ર ઔ ધ્વજા વિરાજૈ । [ઔરુ]
કાંથે મૂંજ જનેવૂ સાજૈ ॥ 5॥

શંકર સુવન કેસરી નંદન । [શંકર સ્વયં]
તેજ પ્રતાપ મહાજગ વંદન ॥ 6 ॥

વિદ્યાવાન ગુણી અતિ ચાતુર ।
રામ કાજ કરિવે કો આતુર ॥ 7 ॥

પ્રભુ ચરિત્ર સુનિવે કો રસિયા ।
રામલખન સીતા મન બસિયા ॥ 8॥

સૂક્ષ્મ રૂપધરિ સિયહિ દિખાવા ।
વિકટ રૂપધરિ લંક જલાવા ॥ 9 ॥

ભીમ રૂપધરિ અસુર સંહારે ।
રામચંદ્ર કે કાજ સંવારે ॥ 10 ॥

લાય સંજીવન લખન જિયાયે ।
શ્રી રઘુવીર હરષિ ઉરલાયે ॥ 11 ॥

રઘુપતિ કીન્હી બહુત બડાયી (ઈ) ।
તુમ મમ પ્રિય ભરત સમ ભાયી ॥ 12 ॥

સહસ્ર વદન તુમ્હરો યશગાવૈ ।
અસ કહિ શ્રીપતિ કંઠ લગાવૈ ॥ 13 ॥

સનકાદિક બ્રહ્માદિ મુનીશા ।
નારદ શારદ સહિત અહીશા ॥ 14 ॥

યમ કુબેર દિગપાલ જહાં તે ।
કવિ કોવિદ કહિ સકે કહાં તે ॥ 15 ॥

તુમ ઉપકાર સુગ્રીવહિ કીન્હા ।
રામ મિલાય રાજપદ દીન્હા ॥ 16 ॥

તુમ્હરો મંત્ર વિભીષણ માના ।
લંકેશ્વર ભયે સબ જગ જાના ॥ 17 ॥

યુગ સહસ્ર યોજન પર ભાનૂ ।
લીલ્યો તાહિ મધુર ફલ જાનૂ ॥ 18 ॥

પ્રભુ મુદ્રિકા મેલિ મુખ માહી ।
જલધિ લાંઘિ ગયે અચરજ નાહી ॥ 19 ॥

દુર્ગમ કાજ જગત કે જેતે ।
સુગમ અનુગ્રહ તુમ્હરે તેતે ॥ 20 ॥

રામ દુઆરે તુમ રખવારે ।
હોત ન આજ્ઞા બિનુ પૈસારે ॥ 21 ॥

સબ સુખ લહૈ તુમ્હારી શરણા ।
તુમ રક્ષક કાહૂ કો ડર ના ॥ 22 ॥

આપન તેજ સમ્હારો આપૈ ।
તીનોં લોક હાંક તે કાંપૈ ॥ 23 ॥

ભૂત પિશાચ નિકટ નહિ આવૈ ।
મહવીર જબ નામ સુનાવૈ ॥ 24 ॥

નાસૈ રોગ હરૈ સબ પીરા ।
જપત નિરંતર હનુમત વીરા ॥ 25 ॥

સંકટ સે હનુમાન છુડાવૈ ।
મન ક્રમ વચન ધ્યાન જો લાવૈ ॥ 26 ॥

સબ પર રામ તપસ્વી રાજા ।
તિનકે કાજ સકલ તુમ સાજા ॥ 27 ॥

ઔર મનોરથ જો કોયિ લાવૈ ।
તાસુ અમિત જીવન ફલ પાવૈ ॥ 28 ॥

ચારો યુગ પ્રતાપ તુમ્હારા ।
હૈ પ્રસિદ્ધ જગત ઉજિયારા ॥ 29 ॥

સાધુ સંત કે તુમ રખવારે ।
અસુર નિકંદન રામ દુલારે ॥ 30 ॥

અષ્ઠસિદ્ધિ નવ નિધિ કે દાતા ।
અસ વર દીન્હ જાનકી માતા ॥ 31 ॥

રામ રસાયન તુમ્હારે પાસા ।
સદા રહો રઘુપતિ કે દાસા ॥ 32 ॥

તુમ્હરે ભજન રામકો પાવૈ ।
જન્મ જન્મ કે દુખ બિસરાવૈ ॥ 33 ॥

અંત કાલ રઘુપતિ પુરજાયી । [રઘુવર]
જહાં જન્મ હરિભક્ત કહાયી ॥ 34 ॥

ઔર દેવતા ચિત્ત ન ધરયી ।
હનુમત સેયિ સર્વ સુખ કરયી ॥ 35 ॥

સંકટ ક(હ)ટૈ મિટૈ સબ પીરા ।
જો સુમિરૈ હનુમત બલ વીરા ॥ 36 ॥

જૈ જૈ જૈ હનુમાન ગોસાયી ।
કૃપા કરહુ ગુરુદેવ કી નાયી ॥ 37 ॥

યહ શત વાર પાઠ કર કોયી । [જો]
છૂટહિ બંદિ મહા સુખ હોયી ॥ 38 ॥

જો યહ પડૈ હનુમાન ચાલીસા ।
હોય સિદ્ધિ સાખી ગૌરીશા ॥ 39 ॥

તુલસીદાસ સદા હરિ ચેરા ।
કીજૈ નાથ હૃદય મહ ડેરા ॥ 40 ॥

દોહા
પવન તનય સંકટ હરણ – મંગળ મૂરતિ રૂપ્ ।
રામ લખન સીતા સહિત – હૃદય બસહુ સુરભૂપ્ ॥
સિયાવર રામચંદ્રકી જય । પવનસુત હનુમાનકી જય ।
બોલો ભાયી સબ સંતનકી જય ।

ધ્યાનમ્
અતુલિત બલધામં સ્વર્ણ શૈલાભ દેહમ્ ।
દનુજ વન કૃશાનું જ્ઞાનિના મગ્રગણ્યમ્ ॥
સકલ ગુણ નિધાનં વાનરાણા મધીશમ્ ।
રઘુપતિ પ્રિય ભક્તં વાતજાતં નમામિ ॥

ગોષ્પદીકૃત વારાશિં મશકીકૃત રાક્ષસમ્ ।
રામાયણ મહામાલા રત્નં વંદે-(અ)નિલાત્મજમ્ ॥
યત્ર યત્ર રઘુનાથ કીર્તનં તત્ર તત્ર કૃતમસ્તકાંજલિમ્ ।
ભાષ્પવારિ પરિપૂર્ણ લોચનં મારુતિં નમત રાક્ષસાંતકમ્ ॥

મનોજવં મારુત તુલ્યવેગમ્ ।
જિતેંદ્રિયં બુદ્ધિ મતાં વરિષ્ટમ્ ॥
વાતાત્મજં વાનરયૂથ મુખ્યમ્ ।
શ્રી રામ દૂતં શિરસા નમામિ ॥

  • एल्बम: श्री हनुमान चालीसा – हनुमान अष्टक
  • लेखक: तुलसी दास
  • गायक: हरिहरन
  • कलाकार: गुलशन कुमार
  • संगीतकार: ललित सेन, चंदर
  • लेबल: टी-सीरीज़
Mangal Murti Maruti Nandanमंगल मूर्ति मारुति नंदन
Jai Jai Jai Hanuman Gosaiजय जय जय हनुमान गोसाई
Aarti Kije Hanuman Lala Kiआरती कीजै हनुमान लला की
Bajrang baanश्री बजरंग बाण पाठ
Sankatmochan Hanuman Ashtakसंकट मोचन हनुमानाष्टक
Radhakrishna Hanuman Themeजय हनुमान ज्ञान गुण सागर

FAQs For Hanuman Chalisa ❓

  • Who is the singer of Hanuman Chalisa ?

    Hanuman Chalisa is sung by Hariharan

  • Who is the music director of Hanuman Chalisa ?

    Hanuman Chalisa is composed by Lalit Sen and Chander

  • Which album is the Hanuman Chalisa from?

    Hanuman Chalisa is a hindi song from the album Shree Hanuman Chalisa – Hanuman Ashtak

  • What is the duration of Hanuman Chalisa Song ?

    The duration of the song Hanuman Chalisa is 9:41 minutes.

  • Who is the Lyrics written of Hanuman Chalisa ?

    Hanuman Chalisa lyrics written by Goswami Tulsidas

निष्कर्ष

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🙏 जय श्रीराम 🙏 जय बजरंगबली हनुमान