Ganesh Chalisa Lyrics in Hindi – गणेश चालीसा

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Ganesh Chalisa Lyrics in Hindi - गणेश चालीसा

Ganesh Chalisa Lyrics : सनातन धर्म में गणेश चतुर्थी का पर्व बेहद पवित्र माना गया है। आज पूरे भारत में गणेश चतुर्थी की धूम मची हुई है। हर वर्ष यह पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर श्रीगणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। 

मान्यताओं के अनुसार, गणेश चतुर्थी पर श्रीगणेश चालीसा का पाठ करना अत्यंत लाभदायक है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, श्रीगणेश चालीसा का पाठ करने से बुद्धि,धर्म, ज्ञान के दाता श्री गणेश भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं। श्री गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक मंगलमूर्ति भगवान गणेश का पूजा उपासना करना बहुत ही मंगलकारी माना जाता हैं ।

किसी भी पूजा में सबसे पहले श्रीगणेश जी का की आवाहृन करना जरूरी होता है, नहीं तो वह पूजा अधूरी मानी जाती है । 

Shree Ram Chalisaश्री राम चालीसा
Shree Shiv Chalisaशिव चालीसा
Shree Krishna Chalisaश्रीकृष्ण चालीसा
Shree Hanuman Chalisaहनुमान चालीसा
Shree Laxmi Chalisaश्री लक्ष्मी चालीसा
Shree Saraswati Chalisa श्री सरस्वती चालीसा

Ganesh Chalisa Lyrics in Hindi – गणेश चालीसा लिरिक्स हिंदी में

दोहा

जय गणपति सदगुणसदन, कविवर बदन कृपाल।
विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल।।

चालीसा

जय जय जय गणपति गणराजूमंगल भरण करण शुभ काजू।
जै गजबदन सदन सुखदाता विश्व विनायक बुद्घि विधाता ।।

वक्र तुण्ड शुचि शुण्ड सुहावन तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन।
राजत मणि मुक्तन उर माला स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला।।

पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं मोदक भोग सुगन्धित फूलं।
सुन्दर पीताम्बर तन साजित चरण पादुका मुनि मन राजित।।

धनि शिवसुवन षडानन भ्राता गौरी ललन विश्वविख्याता।
ऋद्घिसिद्घि तव चंवर सुधारे मूषक वाहन सोहत द्घारे।।

कहौ जन्म शुभकथा तुम्हारी अति शुचि पावन मंगलकारी।
एक समय गिरिराज कुमारी पुत्र हेतु तप कीन्हो भारी।।

भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा तब पहुंच्यो तुम धरि द्घिज रुपा।
अतिथि जानि कै गौरि सुखारी बहुविधि सेवा करी तुम्हारी।।

अति प्रसन्न है तुम वर दीन्हा मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा।
मिलहि पुत्र तुहि, बुद्घि विशाला बिना गर्भ धारण, यहि काला।।

गणनायक, गुण ज्ञान निधाना पूजित प्रथम, रुप भगवाना।
अस कहि अन्तर्धान रुप है पलना पर बालक स्वरुप है।।

बनि शिशु, रुदन जबहिं तुम ठाना लखि मुख सुख नहिं गौरि समाना।
सकल मगन, सुखमंगल गावहिं नभ ते सुरन, सुमन वर्षावहिं।।

शम्भु, उमा, बहु दान लुटावहिं सुर मुनिजन। सुत देखन आवहिं।
लखि अति आनन्द मंगल साजा देखन भी आये शनि राजा।।

निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं बालक। देखन चाहत नाहीं।
गिरिजा कछु मन भेद बढ़ायो उत्सव मोर न शनि तुहि भायो।।

कहन लगे शनि, मन सकुचाई का करिहौ। शिशु मोहि दिखाई
नहिं विश्वास उमा उर भयऊ शनि सों बालक देखन कहाऊ।।

पडतहिं, शनि दृग कोण प्रकाशा बोलक सिर उड़ि गयो अकाशा।
गिरिजा गिरीं विकल है धरणी सो दुख दशा गयो नहीं वरणी।।

हाहाकार मच्यो कैलाशा शनि कीन्हो लखि सुत को नाशा।
तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधायो काटि चक्र सो गज शिर लाये।।

बालक के धड़ ऊपर धारयो प्राण, मन्त्र पढ़ि शंकर डारयो।
नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे प्रथम पूज्य बुद्घि निधि, वन दीन्हे।।

बुद्ध परीक्षा जब शिव कीन्हा पृथ्वी कर प्रदक्षिणा लीन्हा।
चले षडानन, भरमि भुलाई रचे बैठ तुम बुद्घि उपाई।।

चरण मातुपितु के धर लीन्हें तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें।
धानी गणेश कही शिवाये हुए हर्षयो नभा ते सुरन सुमन बहु बरसाए।।

तुम्हरी महिमा बुद्ध‍ि बड़ाई शेष सहसमुख सके न गाई।
मैं मतिहीन मलीन दुखारी करहुं कौन विधि विनय तुम्हारी।।

भजत रामसुन्दर प्रभुदासा जग प्रयाग, ककरा।
दर्वासा अब प्रभु दया दीन पर कीजै अपनी भक्ति शक्ति कछु दीजै।।

।।दोहा।।
श्री गणेश यह चालीसा,
पाठ करें धर ध्यान,
नित नव मंगल गृह बसै,
लहे जगत सन्मान,
सम्बन्ध अपने सहस्त्र दश,
ऋषि पंचमी दिनेश,
पूरण चालीसा भयो,
मंगल मूर्ति गणेश।।

श्री गणेश चालीसा – Ganesha Chalisa Lyrics in Hindi

श्री गणेश चालीसा : भगवान गणेश की स्तुति करती है और उनके दिव्य गुणों और महत्व पर प्रकाश डालती है। यह भक्ति को व्यक्त करता है, उनका आशीर्वाद मांगता है और उनके विभिन्न रूपों और नामों का वर्णन करता है।

गणेश चालीसा भगवान गणेश के भक्तों के लिए एक शक्तिशाली भक्ति उपकरण के रूप में कार्य करता है, जिससे उन्हें देवता के साथ अपने संबंध को गहरा करने और उनका आशीर्वाद लेने में मदद मिलती है।

पुरे विश्वास और भक्ति के साथ श्रीगणेश चालीसा का पाठ करके, भक्तों का मानना है कि वे भगवान गणेश की कृपा से बाधाओं को दूर कर सकते हैं, ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं और आध्यात्मिक उत्थान प्राप्त कर सकते हैं।

श्री गणेश की पूजा-आराधना करते समय गणेश चालीसा का जाप अवश्य करें। यहां देखें गणेश चालीसा की हिंदी लिरिक्स। श्रीगणेश आदिदेव हैं भगवान् गणेशजी ने हर युग में अलग अवतार लिया। उनकी शारीरिक संरचना में भी विशिष्ट एवं गहरा अर्थ निहित है।

Album:Ganesh Chalisa
Genre:Chalisa
Language:Hindi
Related:Lord Ganesha

Verses: The Ganesh Chalisa consists of forty verses or chalisa. Each verse is typically written in a specific poetic meter and rhythm, adding to the beauty and musicality of the prayer.

The chalisa praises Lord Ganesha and highlights his divine attributes and significance. It expresses devotion, seeks his blessings, and describes his various forms and names.

गणेश चालीसा का पाठ करें से लाभ – Benefits of Ganesh Chalisa

गणेश चालीसा का पाठ या जप करना, भगवान गणेश को समर्पित एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है, जिसके बारे में माना जाता है कि इससे कई लाभ और आशीर्वाद मिलते हैं।
गणेश चालीसा से जुड़े कुछ संभावित लाभ इस प्रकार हैं:

  • विघ्नों का शमन: भगवान गणेश विघ्नहर्ता के रूप में व्यापक रूप से पूजनीय हैं। भक्ति और विश्वास के साथ गणेश चालीसा का पाठ करके, भक्त व्यक्तिगत और आध्यात्मिक प्रयासों सहित जीवन के विभिन्न पहलुओं में आने वाली चुनौतियों और बाधाओं को दूर करने के लिए उनका आशीर्वाद मांगते हैं।
  • आशीर्वाद और दैवीय कृपा: माना जाता है कि गणेश चालीसा का जाप करने से भगवान गणेश की दिव्य उपस्थिति का आह्वान होता है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। भक्त सफलता, समृद्धि, ज्ञान और आध्यात्मिक विकास प्राप्त करने के लिए उनकी कृपा चाहते हैं।
  • बुद्धि और ज्ञान बढ़ाने वाला: भगवान गणेश को बुद्धि का देवता माना जाता है। माना जाता है कि गणेश चालीसा का पाठ करने से मानसिक स्पष्टता, एकाग्रता और बुद्धि बढ़ती है। अकादमिक गतिविधियों और सीखने के लिए दिव्य मार्गदर्शन और आशीर्वाद मांगने वाले छात्रों और विद्वानों द्वारा अक्सर इसका जाप किया जाता है।
  • सकारात्मक को बढ़ावा देना: भगवान गणेश नई शुरुआत और शुभता से जुड़े हैं। उनका आशीर्वाद लेने और सकारात्मक और सफल परिणाम सुनिश्चित करने के लिए नए उद्यमों, यात्राओं या महत्वपूर्ण घटनाओं की शुरुआत में गणेश चालीसा का पाठ किया जाता है।
  • आंतरिक परिवर्तन: गणेश चालीसा केवल एक बाहरी प्रार्थना नहीं है बल्कि भगवान गणेश के गुणों और गुणों पर एक आंतरिक प्रतिबिंब भी है। ईमानदारी और भक्ति के साथ चालीसा का जाप करने से व्यक्ति को अपने भीतर सकारात्मक गुण पैदा करने में मदद मिल सकती है, जैसे विनम्रता, दृढ़ता और दयालु स्वभाव।
  • संरक्षण और दैवीय मार्गदर्शन: माना जाता है कि भगवान गणेश अपने भक्तों को सुरक्षा और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। गणेश चालीसा का पाठ करके, भक्त नकारात्मक ऊर्जाओं, आध्यात्मिक बाधाओं और सांसारिक चुनौतियों से उनकी दिव्य सुरक्षा की कामना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह व्यक्ति के चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का कवच बनाता है।
  • भक्ति और जुड़ाव पैदा करना: गणेश चालीसा एक भक्ति अभ्यास है जो भगवान गणेश के साथ गहरे संबंध को बढ़ावा देता है। नियमित सस्वर पाठ के माध्यम से, भक्त देवता के साथ एक मजबूत बंधन विकसित कर सकते हैं, आंतरिक शांति की भावना का अनुभव कर सकते हैं और आध्यात्मिक संबंध को बढ़ा सकते हैं।

यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि गणेश चालीसा का पाठ करने के लाभ आत्मनिष्ठ हैं और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो सकते हैं। सच्चा सार विश्वास, भक्ति और ईमानदारी में निहित है जिसके साथ कोई अभ्यास में संलग्न होता है। चालीसा श्रद्धा व्यक्त करने, आशीर्वाद लेने और भगवान गणेश के साथ घनिष्ठ संबंध विकसित करने के साधन के रूप में कार्य करती है, जो अंततः व्यक्तिगत और आध्यात्मिक विकास की ओर ले जाती है।

गणेश चालीसा का महत्व – Importance of Ganesh Chalisa

गणेश चालीसा भगवान गणेश के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है। यहां कुछ प्रमुख कारण बताए गए हैं कि क्यों गणेश चालीसा को महत्वपूर्ण माना जाता है:

  • भक्ति और श्रद्धा: गणेश चालीसा भक्तों को भगवान गणेश के प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा व्यक्त करने की अनुमति देती है।
  • आशीर्वाद मांगें और बाधाओं को दूर करें: भगवान गणेश बाधाओं को दूर करने वाले और आशीर्वाद प्रदान करने वाले के रूप में पूजनीय हैं। जीवन में आने वाली चुनौतियों और बाधाओं पर काबू पाने के लिए उनका आशीर्वाद और मार्गदर्शन पाने के लिए गणेश चालीसा का पाठ किया जाता है।
  • आध्यात्मिक उत्थान: गणेश चालीसा आध्यात्मिक उत्थान प्राप्त करने का एक साधन है। भक्ति छंदों और भगवान गणेश के दिव्य गुणों में खुद को डुबो कर, व्यक्ति आंतरिक शांति, आनंद और आध्यात्मिक विकास की भावना का अनुभव कर सकते हैं।
  • सकारात्मक गुणों की खेती: भगवान गणेश ज्ञान, विनम्रता और करुणा जैसे गुणों से जुड़े हैं। गणेश चालीसा का पाठ करके भक्त इन गुणों को अपने भीतर विकसित करने की इच्छा रखते हैं।
  • परंपरा के साथ संबंध: गणेश चालीसा एक पवित्र पाठ और एक भक्ति अभ्यास के रूप में पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है। चालीसा का पाठ करने से लोग भगवान गणेश की पूजा से जुड़ी समृद्ध आध्यात्मिक विरासत और परंपराओं से जुड़ते हैं। यह उनके जीवन में भगवान गणेश के सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व को सम्मान और संरक्षित करने के तरीके के रूप में कार्य करता है।

कुल मिलाकर, गणेश चालीसा भक्तों के लिए भक्ति व्यक्त करने, आशीर्वाद प्राप्त करने, बाधाओं को दूर करने और आध्यात्मिक विकास का अनुभव करने के साधन के रूप में अत्यधिक महत्व रखती है।

FAQs For Ganesh Chalisa

  • गणेश चालीसा क्यों पढ़ना चाहिए?

    अगर कभी भी दिन मन अशांत लगे या फिर किसी चीज से डर लगे तो गणेश चालीसा का पाठ करें । ऐसा करने से मन शांत होता है और डर भी नहीं लगता।

  • गणेश चालीसा पढ़ने का सही समय क्या हे ?

    मान्यता के अनुसार गणेश चालीसा का पाठ सुबह या शाम के वक्त किया जा सकता है इस मंत्र का पाठ आरम्भ करने से पहले सर्वप्रथम भगवान गणेश की वंदना करें

निष्कर्ष

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