Navagraha Stotram with Meaning| नवग्रह स्तोत्र पाठ हिंदी अर्थ सहित

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Navagraha Stotram

नवग्रह स्तोत्र पाठ (Navagraha Stotram) करने से सभी ग्रहो की शांति स्वतः ही हो जाती हे हिन्दू धर्म में ग्रहो को देवता माना जाता हे नवग्रह स्तोत्र पाठ के अतिरिक्त भी शान्ति के अलग-अलग तरीके हैं जिनका उपयोग लोग ग्रहों के उपाय के रूप में अपने जीवन को संतुलित करने के लिए करते हैं। अत्यधिक विश्वास और समर्पण के साथ प्रार्थना के समय नवग्रह स्तोत्र का जप करें।

Navagraha Stotram Details:

स्तोत्र का नामनवग्रह स्तोत्र पाठ
नवग्रह स्तोत्र की रचना किसने की?महर्षि वेदव्यास जी
संबंधितदेवता
भाषासंस्कृत और हिंदी
सूत्रपुराण

ज्योतिष शास्त्र में सूर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु को नवग्रहों की संज्ञा प्राप्त है। जिसमें राहु केतु को छोड़कर शेष ग्रह सपिंड ग्रह हैं।

Navgrah Stotra or Navgrah Mantra was written by Rishi Veda Vyasa. It comprises a set of hymns for worshipping the Navagrahas or the nine planets.

रवि : सूर्य स्तोत्र इन हिंदी | Sun : Surya Stotra In Hindi and English

जपाकुसुमसंकाशं काश्र्यपेयं महाद्युतिम्
तमोरिं सर्व पापघ्नं प्रणतोस्मि दिवाकरम्

हिंदी में अर्थ : सूर्य देव की कांति जपा के कुसुम के समान हैं, वे कश्यप ऋषि की संतान हैं, वे अंधकार का नाश करते हैं, जो सभी पाप को नष्ट कर देते हैं, ऐसे सूर्य भगवान को मैं नमन करता हूँ।

सूर्य गायत्री मंत्र: ॐ भास्कराय विद्मिहे महातेजाय धीमहि। तन्नो: सूर्य: प्रचोदयात।।

Japakusuma Samkasham Kashyapeyam Mahadyutim
Tamorim Sarva Papagnam Pranatosmi Diwakaram

Meaning in English

(I Pray To The Sun, The Day-Maker,
Destroyer Of All Sins, The Enemy Of Darkness, Of Great
Brilliance, The Descendent Of Kaashyapa, The One Who
Shines Like The Japaa Flower.)

One who looks like the Hibiscus flower, Son of Kashyapa, full of radiance,
Foe of darkness and the one who dispells all sins, I prostrate that Surya.

चंद्र स्तोत्र इन हिंदी | Moon : Chandra Stotra In Hindi and English

दधिशङ्खतुषाराभं क्षीरोदर्णवसम्भवम्
नमामि शशिनं सोमं शम्भोर्मुकुट्भूषणम्

हिंदी में अर्थ : चंद्र देव जो कि दही, शंख व हिम के सामान प्रख्यात हैं, जो क्षीर सागर से उत्पन्न हुए हैं, जो चंद्र देव साक्षात् शिवजी के मस्तिष्ट पर मुकुट रूप में सुशोभित हैं, उन्हें मैं प्रणाम करता हूँ।

चंद्र गायत्री मंत्र: ॐ क्षीरपुत्राय विद्मिहे मृतात्वाय धीमहि। तन्नम्चंद्र: प्रचोदयात।।

Dadhishankha Tusharabham Ksheerodarnava Sambhavam
Namami Shashinam Somam Shambhormukuta Bhooshanam

Meaning in English

(I Pray To The Moon Who Shines Coolly Like Curds Or A
White Shell, Who Arose From The Ocean Of Milk, Who Has
A Hare On Him, Soma, Who Is The Ornament Of Shiva’s
Hair.)

The one who has the hue of curd and icebergs, one who emerges from the milky ocean, Chandra who adorns Shiva, I prostrate. that Chandra.

मंगल स्तोत्र इन हिंदी – Mars: Mangal Stotra In Hindi and English

धरणीगर्भसम्भूतं विद्युत्कान्तिसमप्रभम्
कुमारं शक्तिहस्तं तं मङ्गलं प्रणमाम्यहम्

हिंदी में अर्थ : जो पृथ्वी के गर्भ से उत्पन्न हुए हैं, विद्युत् अर्थात बिजली के सामान जो कांतिमय हैं, जिनके हाथों में अत्यधिक शक्तियां हैं, ऐसे मंगल देव को मैं प्रणाम करता हूँ।

भौमा गायत्री मंत्र: ॐ अंगारकाय विद्मिहे वाणेशाय धीमहि। तन्नो: भौम प्रचोदयात।।

Dharani-Garbha-Sambhootam Vidyut-Kanti-Samaprabham
Kumaram Shaktihastam Tam Mangalam Pranamamyaham

Meaning in English

(I Pray To Mars, Born Of Earth, Who Shines With The
Same Brilliance As Lightning, The Young Man Who
Carries A Spear.)

The one who is the son of Bhooma Devi, One who has the lustre of lightning,
One who has Shakti in his hand, and the auspicious one, I prostrate that Angaraka

बुध स्तोत्र इन हिंदी – Mercury : Budh Stotra In Hindi and English

प्रियङ्गुकलिकाश्र्यामं रूपेणाप्रतिमंबुधम्
सौम्यं सौम्यगुणोपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहम्

हिंदी में अर्थ : प्रियंगु की कलि की भांति ही जिनका वर्ण सांवला हैं, जिनके कई रूप हैं और उनकी महिमा अपरंपार हैं, जो सौम्य गुणों से परिपूर्ण हैं, ऐसे बुध देव को मैं प्रणाम करता हूँ।

बुध गायत्री मंत्र: ॐ सौम्यरुपाय विद्मिहे वाणेशाय धीमहि। तन्नो: बुध: प्रचोदयात।।

Priyangukali-Kashyamam Roopena-Pratimam-Budham
Sowmyam Sowmya-Gunopetam Tam Budham Pranamamyaham

Meaning in English

(I Pray To Mercury, Dark Like The Bud Of Millet, Of
Unequalled Beauty, Gentle And Agreeable.)

The one who is dark like the bud of Priyangu flower, One who is unequalled in beauty and is intelligent, And the son of Chandra, One who is peaceful, I prostrate that Budha.

गुरु स्तोत्र इन हिंदी – Jupiter : Guru Stotra In Hindi and English

देवानां च ॠषीणां च गुरुं काञचनसन्निभम्
बुद्धि भूतं त्रिलोकेशं तं नमामि ब्रहस्पतिम्

हिंदी में अर्थ : जो देवों व ऋषि-मुनियों के गुरु हैं और कंचन के समान जिनकी प्रभा हैं, जो बुद्धि प्रदान करते हैं और तीनों लोकों के स्वामी हैं, उन बृहस्पति देव को मैं प्रणाम करता हूँ।

बृहस्पति गायत्री मंत्र: ॐ गुरुदेवाय विद्मिहे वाणेशाय धीमहि। तन्नो: गुरु: प्रचोदयात।।

Devanam Cha Rishinan Cha Gurum Kanchana-Sannibham
Buddhi Bhootam Trilokesham Tam Namami Brahaspatim

Meaning in English

(I Pray To Jupiter, The Teacher Of Gods And Rishis,
Intellect Incarnate, Lord Of The Three Worlds.)

The one who is the Guru of the Devas and Rishis, the one who is radiant and intelligent, The Lord of all the three worlds, I prostrate that Brihaspathi

शुक्र स्तोत्र इन हिंदी – Venus : Shukra Stotra In Hindi and English

हिमाकुन्द मृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम्
सर्व शास्त्र प्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम्

हिंदी में अर्थ : हिम, कुंद व मृणाल के समान जिनका व्यक्तित्व हैं, असुरों के जो गुरु हैं, जो सभी शास्त्रों में निपुण हैं, ऐसे शुक्र देव को मैं प्रणाम करता हूँ।

शुक्र गायत्री मंत्र: ॐ भृगुसुताय विद्मिहे दिव्यदेहाय धीमहि। तन्नो: शुक्र: प्रचोदयात।।

Himakunda-Mrnalabham Daityanam Paramam Gurum
Sarva Shastra Pravaktaram Bhargavam Pranamamyaham

Meaning in English

(I Pray To Venus, The Utimate Preceptor Of Demons,
Promulgator Of All Learning, He Who Shines Like The
Fiber Of Snow-White Jasmine.)

The one who has the lustre of the dew, Lotus stem and Thumba flower, High priest of Asuras and the one who preaches the Shatras, I prostrate that ( Bhargava )Sukracharya.

शनि स्तोत्र इन हिंदी – Saturn : Shani Stotra In Hindi and English

नीलाञ्चन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्
छाया मार्तण्ड संभूतं तं नमामि शानैश्र्वरम्

हिंदी में अर्थ : जो नीले वर्ण के हैं, सूर्य देव के जो पुत्र हैं, यमराज जिनके बड़े भाई हैं, छाया ही जिनका रूप हैं, ऐसे शनि देव को मैं प्रणाम करता हूँ।

शनि गायत्री मंत्र: ॐ शिरोरुपाय विद्मिहे मृत्युरुपाय धीमहि। तन्नो: सौरि: प्रचोदयात।।

Neelanchana Samabhasam Ravi-Putram Yamagrajam
Chaya-Marthanda Sambhootam Tam Namami Shanaishwaram

Meaning in English

(I Pray To Saturn, The Slow Moving, Born Of Shade And
Sun, The Elder Brother Of Yama, The Offspring Of Sun,
He Who Has The Appearance Of Black Collyrium.)

The one who is blue, one who is like charcoal, one who is the son of Surya and the brother of Yama, one who is born to Chaya and Surya, I prostrate that Saneeswara. 

राहु स्तोत्र इन हिंदी – Rahu Stotra In Hindi and English

अर्धकायं महावीर्यं चंद्रादित्यविमर्दनम्
सिंहिकागर्भसम्भूतं तं राहुं प्रणमाम्यहम्

हिंदी में अर्थ : जिनका शरीर आधा हैं, जो सभी में महान हैं, जो अपनी शक्ति से सूर्य व चंद्रमा के मान को भी भंग कर देते हैं, सिंहिका के गर्भ से जो उत्पन्न हुए हैं, ऐसे राहु देव को मैं प्रणाम करता हूँ।

राहु गायत्री मंत्र: ॐ शिरोरुपाय विद्मिहे अमृतेशाय धीमहि। तन्नो: राहु: प्रचोदयात।।

Ardhakayam Mahaveeryam Chandra-Aditya-Vimardanam
Simhika-Garbha-Sambhootam Tam Rahum Pranamamyaham

Meaning in English

(I Pray To Rahu, Having Half A Body, Of Great Bravery,
The Eclipser Of The Moon And The Sun, Born Of
Simhikaa.)

The one who has half a body and is full of valour, One who opposes Chandra and Surya without fear, One who was born from Simhika’s womb, I prostrate that Rahu. 

केतु स्तोत्र इन हिंदी – Ketu Stotra In Hindi and English

पलाशपुष्प संकाशं तारकाग्रहमस्तकम्
रौद्रं रौद्रात्मकं घोरं तं केतुं प्रणमाम्यहम्

हिंदी में अर्थ : पलाश के पुष्प के समान जिनका वर्ण लाल हैं, जो तारक ग्रह हैं और बिना मस्तक के हैं, जिनका रूप अत्यधिक विशालकाय व रोद्र हैं, ऐसे केतु देव को मैं प्रणाम करता हूँ।

केतु गायत्री मंत्र: ॐ गदाहस्ताय विद्मिहे अमृतेशाय धीमहि। तन्नो: केतु: प्रचोदयात।।

Palashapushpa Samkasham Tarakagrahamastakam
Rowdram Rowdratmakam Ghoram Tam Ketum Pranamamyaham

Meaning in English

(I Pray To Ketu, Who Has The Appearance Of Palaasha
Flower, The Head Of Stars And Planets, Fierce And
Terrifying.)

The one who looks like Palasa flower, One who is the king of the stars and One who has a fierce form and is scary and angry, I prostrate that Ketu.

फलश्रुति :

इति व्यास मुखोद्गीतं यः पठेत्सु समाहितः |
दिवा वा यदि वा रात्रौ विघ्नशान्ति-र्भविष्यति ‖

Iti Vyaasa-mukhod-giitam yah: path’et-susamaahitah:
Divaa vaa yadi vaa raatrau vighna-shantir-bhavish’yati

हिंदी में अर्थ : महर्षि वेदव्यास जी के मुख से निकले इस नवग्रह स्तोत्र का जो भी नर या नारी सुबह व शाम को पाठ करता हैं, उसके सभी कष्ट व दुःख समाप्त हो जाते हैं।

Meaning in English : This stotra is composed by Shri Vyaasa Rhishi. A person who chants this stotra during the day or at night will become free from all troubles.

नरनारी-नृपाणां च भवे-द्दुःस्वप्न-नाशनम् |
ऐश्वर्यमतुलं तेषामारोग्यं पुष्टि वर्धनम् ‖

हिंदी में अर्थ : संसार के साधारण स्त्री -पुरुष और राजाओं के भी दुःस्वप्न(बुरा स्वप्न) जन्य दोष दूर हो जाते हैं, उसे अतुल्य ऐश्र्वर्य, आरोग्य और धन की व‌द्धि होती है।

Nara-naarii-nrupaan’aayn cha bhaved-duh:svapna-naashanam
Aishvaryamatulam tesh’aam aarogyam push’t’i-vardanam

Meaning in English : By chanting this stotra the effect of bad dreams of men, women, kings and so on will be destroyed. Everyone will have good health, wealth and energy.

ग्रहनक्षत्रजाः पीडास्तस्कराग्नि समुद्भवाः |
तास्सर्वाः प्रशमं यान्ति व्यासो ब्रूते न संशयः ‖

हिंदी में अर्थ : किसी भी ग्रह या नक्षत्र के दोष से पीड़ित मनुष्य की सभी समस्याओं का नाश हो जाता हैं। यह स्वयं महर्षि वेदव्यास जी ने कहा हैं और इसलिए इसमें किसी को भी शंका नही होनी चाहिए।

Graha-nakshatrajaa piid’aah: taskaraagni-samudbhavaah:
Taah: sarvaah: prashamam yaanti Vyaaso bruute na sanshayah:

Meaning in English : A person who chants this stotra becomes free from the troubles created by planets, constellations, thieves, fire etc. Vyasa Rhishi says that there is no doubt about the result of chanting this stotra

नवग्रह स्तोत्र इन हिंदी – Navgrah Stotra In Hindi

नक्षत्रजा पीडास्तस्कराग्नि समुद्भवा ता: सर्वा:
प्रशमं यान्ति व्यासो ब्रुतेन संशय:

इति श्री व्यासविरचित आदित्यादि नवग्रह स्तोत्रं संपूर्णं

Iti Shri Vyaasa-virachitam Navagraha-stotram sampurnam 

The Navagraha stotra composed by Shri Vyasa Rishi is Complete here

नव ग्रह (Navagraha Stotram) शांति मंत्र क्या हे?

  • सूर्य मंत्र: ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:।
  • चंद्र मंत्र: ओम श्रां श्रीं श्रौं सः सोमाय नमः ।
  • मंगल मंत्र: ओम क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम: ।
  • बुध मंत्र: ओम ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः ।
  • गुरु (गुरुवार के उपाय) मंत्र: ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।
  • शुक्र मंत्र: ओम द्रां द्रीं द्रौम सः शुक्राय नमः ।
  • शनि मंत्र: ओम प्रां प्रीं प्रोम सह शनै नमः ।
  • राहु मंत्र: ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः।
  • केतु मंत्र: ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः।

नवग्रह मंत्र का महत्व

  • नवग्रह मंत्र को सभी ग्रहों पर नियंत्रण रखने वाला बताया गया है।
  • मान्यता के अनुसार नव ग्रहमंत्र का जाप करने से ग्रहो के प्रभाव शांत होते हे ।
  • नव ग्रह मंत्र का जाप करने मन को शांति मिलती हे जिससे शुभ कार्य करने में सहायता मिलती हे
  • नव ग्रह मंत्र का जाप शास्त्रों में भी महाफलदायक बताया गया है।
  • इस स्त्रोत का पाठ करने से जीवन में आने वाली विपत्तियाँ दूर होती हैं

नवग्रह मंत्र के लाभ

  • किसी भी शुभ कार्य में इस मंत्र का जाप करने से लाभ होता हे
  • यह नव ग्रह मंत्र एक अत्यंत ही शक्तिशाली स्तोत्र है
  • इस नव ग्रह मंत्र के जाप करने से ग्रह दोष का दुष्प्रभाव दूर होता है।
  • नव ग्रह मंत्र के जाप से जीवन के संघर्षों में कमी और खुशियों में बढ़ोतरी होती है।
  • इस मंत्र के जाप से वास्तु दोष भी दूर होता है।
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नवग्रह स्तोत्र की रचना किसने की?

महर्षि वेदव्यास जी नवग्रह स्तोत्र की रचना थी

इति व्यास मुखोद्गीतं यः पठेत्सु समाहितः |
दिवा वा यदि वा रात्रौ विघ्नशान्ति-र्भविष्यति ‖
महर्षि वेदव्यास जी के मुख से निकले इस नवग्रह स्तोत्र का जो भी नर या नारी सुबह व शाम को पाठ करता हैं, उसके सभी कष्ट व दुःख समाप्त हो जाते हैं।

निष्कर्ष 

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