महाभारत चक्रव्यूह : विश्व का सबसे बड़ा युद्ध था महाभारत का कुरुक्षेत्र युद्ध। इतिहास में इतना भयंकर युद्ध केवल एक बार ही घटित हुआ था। अनुमान है कि महाभारत के कुरुक्षेत्र युद्ध में परमाणू हथियारों का उपयॊग भी किया गया था। Mahabharat Chakravyuh महाभारत चक्रव्यूह ‘चक्र’ यानी ‘पहिया’ और ‘व्यूह’ यानी ‘गठन’।
पांडव पक्ष में चक्रव्यूह भेदन कौन कौन जनता था ?
Arjun | अर्जुन |
Shree Krishna | श्रीकृष्ण |
Pradumn | प्रद्युम्न |
Abhimanyu | अभिमन्यु |
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महाभारत चक्रव्यूह | Mahabharat Chakravyuh – चक्रव्यूह क्या होता है और इसे तोड़ा कैसे जाता है
पहिए के जैसे घूमता हुआ व्यूह है चक्रव्यूह। कुरुक्षेत्र युद्ध का सबसे खतरनाक रण तंत्र था चक्रव्यूह। यधपि आज का आधुनिक जगत भी चक्रव्यूह जैसे रण तंत्र से अनभिज्ञ हैं, चक्रव्यूह या पद्मव्यूह को भेदना असंभव था।
कौन कौन जनता था चक्रव्यूह
द्वापरयुग में केवल सात लोग ही इसे भेदना जानते थे। भगवान कृष्ण के अलावा अर्जुन, भीष्म, द्रॊणाचार्य, कर्ण, अश्वत्थाम और प्रद्युम्न ही व्यूह को भेद सकते थे जानते हैं, अभिमन्यु केवल चक्रव्यूह के अंदर प्रवेश करना जानता था।
चक्रव्यूह की रचना – Chakravyuh Mahabharat Yudh
चक्रव्यूह में कुल सात परत होती थी। सबसे अंदरूनी परत में सबसे शौर्यवान सैनिक तैनात होते थे। यह परत इस प्रकार बनाये जाते थे कि बाहरी परत के सैनिकों से अंदर की परत के सैनिक शारीरिक और मानसिक रूप से ज्यादा बलशाली होते थे। सबसे बाहरी परत में पैदल सैन्य के सैनिक तैनात हुआ करते थे। अंदरूनी परत में अस्त्र शस्त्र से सुसज्जित हाथियों की सेना हुआ करती थी। चक्रव्यूह की रचना एक भूल भुलैय्या के जैसे हॊती थी जिसमें एक बार शत्रू फंस गया तो घनचक्कर बनकर रह जाता था।
चक्रव्यूह में हर परत की सेना घड़ी के कांटे के जैसे ही हर पल घूमता रहता था। इससे व्यूह के अंदर प्रवेश करने वाला व्यक्ति अंदर ही खॊ जाता और बाहर जाने का रास्ता भूल जाता था। महाभारत में व्यूह की रचना गुरु द्रॊणाचार्य ही करते थे। चक्रव्यूह को युग का सबसे सर्वेष्ठ सैन्य दल माना जाता था।
इस व्यूह का गठन युधिष्टिर को बंदी बनाने के लिए ही किया गया था। माना जाता है कि 48X128 किलॊमीटर के क्षेत्र फल में कुरुक्षेत्र नामक जगह पर युद्ध हुआ था जिसमें भाग लेने वाले सैनिकों की संख्या 1.8 मिलियन था!
चक्रव्यूह को घुमता हुआ मौत का पहिया भी कहा जाता था। क्यों कि एक बार जो इस चक्रव्यूह के अंदर गया वह कभी बाहर नहीं आ सकता था। यह पृथ्वी की ही तरह अपने अक्स में घूमता था साथ ही साथ हर परत भी परिक्रमा करती हुई घूमती थी। इसी कारण से बाहर जाने का द्वार हर वक्त अलग दिशा में बदल जाता था जो शत्रु को भ्रमित करता था,अद्धभुत और अकल्पनीय युद्ध तंत्र था चक्रव्यूह।
आज का आधुनिक जगत भी इतने उलझे हुए और असामान्य रण तंत्र को युद्ध में नहीं अपना सकता है। ज़रा सॊचिये कि सहस्त्र सहस्त्र वर्ष पूर्व चक्रव्यूह जैसे घातक युद्ध तकनीक को अपनाने वाले कितने बुद्धिवान रहें होंगे।
अभिमन्यु और चक्रव्यूह
चक्रव्यूह ठीक उस आंधी की तरह था जो अपने मार्ग में आनेवाले हर उस चीज को तिनके की तरह उड़ाकर नष्ट कर देता था। इस व्यूह को भेदने की जानकारी केवल सात लोगों के ही पास थी। अभिमन्यू व्यूह के भीतर प्रवेश करना जानता था लेकिन बाहर निकलना नहीं जानता था। इसी कारण वश कौरवों ने छल से अभिमन्यू की हत्या कर दी थी।
माना जाता है कि चक्रव्यूह का गठन शत्रु सैन्य को मनोवैज्ञानिक और मानसिक रूप से इतना जर्जर बनाता था कि एक ही पल में हज़ारों शत्रु सैनिक प्राण त्याग देते थे। कृष्ण, अर्जुन, भीष्म, द्रॊणाचार्य, कर्ण, अश्वत्थाम और प्रद्युम्न के अलावा चक्रव्यूह से बाहर निकलने की रणनीति किसी के भी पास नहीं थी।
अपको जानकर आश्चर्य होगा कि संगीत या शंख के नाद के अनुसार ही चक्रव्यूह के सैनिक अपने स्थिती को बदल सकते थे। कॊई भी सेनापती या सैनिक अपनी मन मर्ज़ी से अपनी स्थिती को बदल नहीं सकता था।
अद्भूत अकल्पनीय सदियों पूर्व ही इतने वैज्ञानिक रीति से अनुशासित रणनीति का गठन करना सामान्य विषय नहीं है।
महाभारत युद्ध में कितनी बार बना था चक्रव्यूह
महाभारत के युद्ध में कुल तीन बार चक्रव्यूह का गठन किया था, जिनमें से एक में अभिमन्यू की मृत्यु हुई थी, केवल अर्जुन ने कृष्ण की कृपा से चक्रव्यूह को भेद कर जयद्रथ का वध किया था। हमें गर्व होना चाहिए कि हम उस देश के वासी है जिस देश में सदियों पूर्व के विज्ञान और तकनीक का अद्भुत निर्देशन देखने को मिलता है।
निःसन्देह चक्रव्यूह न भूतो न भविष्यती युद्ध तकनीक था। न भूत काल में किसी ने देखा और ना भविष्य में कॊई इसे देख पायेगा। मध्य प्रदेश के 1 स्थान और कर्नाटक के शिवमंदिर में आज भी चक्रव्यूह बना हुआ है।
महाभारत चक्रव्यूह और वीर अभिमन्यु वध | Mahabharat Abhimanyu Vadh Story
YouTube Video : Mahabharat Chakravyuh
चक्रव्यूह पर आधारित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
महाभारत में चक्रव्यूह क्या है?चक्रव्यूह ‘चक्र’ यानी ‘पहिया’ और ‘व्यूह’ यानी ‘गठन’ एक ऐसी सैन्य संरचना है जिसका उपयोग शत्रुओ को घेरने के लिए किया जाता है
चक्रव्यूह तोड़ना कौन कौन जानता था?भगवान कृष्ण के अलावा अर्जुन, भीष्म, द्रॊणाचार्य, कर्ण, अश्वत्थाम और प्रद्युम्न ही चक्रव्यूह को भेद सकते थे
पिछले जन्म में अभिमन्यु कौन थे?
पौराणिक कथाओ के आधार पर अभिमन्यु चंद्रमा के पुत्र वर्चा का अंश था
निष्कर्ष
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