स्वयं विचार करे ! | Krishna Updesh | Swayam Vichar Kijiye

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स्वयं विचार करे ! – Swayam Vichar Kijiye

Krishna Updesh | Swayam Vichar Kijiye
 मनुष्य के सारे संबंधों का आधार हे अपेक्षा,
पति केसा हो जो मेरा जीवन सुख और सुविधा से भर दे
पत्नी केसी हे जो सदैव मेरे प्रति समर्पित रहे
संतान केसी हो  जो मेरी सेवा करे मेरा आदेश माने
मनुष्य उसी को प्रेम ही कर पाता हे
जो उसकी अपेक्षा पूर्ण करता हे
और अपेक्षा की तो नियति हे भंग होना
वो कैसे?
क्योंकि अपेक्षा मनुष्य के मस्तिष्क से जन्म लेती हे
कोई व्यक्ति उनकी अपेक्षाओ के बारे में जान ही  नही पाता
पूर्ण करने के प्रामाणिक इच्छा हो तब भी
कोई मनुष्य किसीकी अपेक्षाओ को पूर्ण नही कर पाता
और  वहां से जन्म लेता हे संघर्ष !
सारे सम्बन्ध संघर्ष में परिवर्तित हो जाते हे
पर मनुष्य अपेक्षा को संघर्ष का आधार न बनाये
और स्वीकार करे केवल सम्बन्ध का आधार
तो क्या ये जीवन स्व्यमेव सुख और शांति से नहीं भर जायेगा

स्वयं विचार करे !!!

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