राम जय जय राम मैं तो राम ही राम पुकारूं | Ram Jai Jai Ram Main To Ram Hi Ram Pukarun
राम जय जय राम श्री राम जय जय राम,मैं तो राम ही राम पुकारू,
श्री राम नही मोरी सुध ली नि मैं कब से राह निहारु,
राम जय जय राम श्री राम जय जय राम,
बटेयु जाने वाले श्री राम प्रभु के मत वाले,
तू राम नाम रस पी ले तन मन की प्यास बुजा ले,
जग के कारा में पड़ा राम राम जय राम
उतरे हनुमत जान कर राम भक्त का धाम
मेघनाथ ने शक्ति मारी है,
तेरा राम बड़ा दुःख हारी है,
तुझे इक वैद ने उठाया है,
तू संजीवन लेने आया है ,
किते से आवे किते को जावे,
बाबा ने सब घेरा रे,
जानू है बड़ी दूर बटेयु
कर ले रैन बसेरा रे,
यही भगवन की आगेया है तू यही विश्राम करे,
तू क्यों चिंता करता है जो करना है सो राम करे,
राम लखन के जीवन में कभी होगा नही अँधेरा रे,
जानू है बड़ी दूर बटेयु
कर ले रैन बसेरा रे,
तुझे भूख प्यास नही लागे मैं ऐसा मन्त्र बता दूंगा,
तुझे जिस पर्वत पे जाना मैं पल भर पे पोहुंचा दूंगा,
अश्नान ध्यान करके तू आजा तोहे बना लू चेरा रे,
जानू है बड़ी दूर बटेयु
कर ले रैन बसेरा रे,
श्री राम भक्त हनुमान लक्ष्मण को मुरछा से निकालने के लिया संजीवनी बूटि लेने के लिए जब जा रहे थे, तो रास्ते में रावण के द्वारा भेजे गए अहिरावण ने उन्हें राम भजन गाकर रोक लिया और उन्हें बहलना फुसलाना शुरू कर दिया ताकि उन्हें मार सके।
स्वर- सतीश डेहारा और रवींद्र जैन
गीत- रवींद्र जैन
संगीत- रवींद्र जैन
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