ॐ नमः शिवाय डमरू पाणि शूल पाणि हे नटराजन नमोः नमो |
Om Namah Shivaya Damru Paani Shool
डमरू पाणि, शूल पाणि, हे नटराजन !नमो नमो, नमो नमो।
शीश गंग, भष्म अंग, करते धारण,
नमो नमो, नमो नमो।।
तुम आदि देव, अनादि हो,
तुम अंतहीन अनंत हो।
श्रीमंत हो, भगवंत हो,
हे नाथ गिरिजाकंत हो।।
शशि ललाट, तन विराट, हे त्रिलोचन!
नमो नमो, नमो नमो।
डमरू पाणि, शूल पाणि, हे नटराजन!
नमो नमो, नमो नमो।।
हे इस संपूर्ण चराचर में व्याप्त सृष्टि के स्वामी श्रीराम (श्री विष्णु) के भी आराध्य, एवं उसी श्रीराम के उपासक, इस संसार के रक्षक, अपनी जटाओं में माँ गंगा को धारण करने वाले तथा इस संसार के सर्वश्व ऐश्वर्यों को त्याग कर भष्म भूषित रहने वाले, बाबा नंदी को अपने वाहन के रूप में स्थान देकर गो वंश का रक्षण करने वाले आज इस राष्ट्र को, इस विश्व को और जगत के प्रत्येक प्राणी को आपके कृपा दृष्टि की आवश्यकता है।
स्वर : सतीश देहरा
गीत : रवीन्द्र जैन
संगीत : रवीन्द्र जैन
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