ओ माइयाँ तैने क्या ठानी मन में | O Maiyya Tene Ka Thaani Mann Mein
ओ मईया तैने का ठानी मन में,
राम-सिया भेज दये री बन में
दीवानी तैने का ठानी मन में,
राम-सिया भेज दये री बन में ।।
जदपि भरत तेरो ही जायो,
तेरी करनी देख लजायो,
अपनों पद तैने आप गँवायो,
भरत की नजरन में,
राम-सिया भेज दये री बन में ,
हठीली तैने का ठानी मन में,
राम-सिया भेज दये री बन में ।।
मेहल छोड़ वहाँ नहीं रे मड़ैया,
सिया सुकुमारी,संग दोउ भईया,
काहू वृक्ष तर भीजत होंगे,
तीनों मेहन में,
राम-सिया भेज दये री बन में
दीवानी तैने का ठानी मन में,
राम-सिया भेज दये री बन में ।।
कौशल्या की छिन गयी बानी,
रोय ना सकी उर्मिल दीवानी,
कैकेयी तू बस एक ही रानी
रह गयी महलन में,
राम-सिय भेज दये री बन में ।।
ओ मईया तैने का ठानी मन में,
राम-सिया भेज दये री बन में
दीवानी तैने का ठानी मन में,
राम-सिया भेज दये री बन में ।।
स्वर : सतीश देहरा
गीत : रवीन्द्र जैन
संगीत : रवीन्द्र जैन
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