मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल | Mere Lakhan Dulare Bol Kachhu Bol
मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल, मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल
भैया भैया कह के भैया भैया कह के, रस प्राणों में घोल
मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल...
इस दुनिया में और ना होगा मुझ जैसा हतभागा
मेरे रहते बाण शक्ति का तेरे तन में लागा
जा नहीं सकता तोड़ के ऐसा मुझसे नेह का धागा
में भी अपने प्रण तजूँगा आज जो तू नहीं जागा
अंखियो के तारे अंखियो के तारे लल्ला अंखिया तो खोल
मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल, मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल
बीती जाये रेन पवनसुत अब तक नहीं आये
बुझता जाये आस का दीपक मनवा धीर गवाए
सूर्य निकलकर सूर्य वंश का सूर्य डुबो ना जाये
बिना बुलाये बोलने वाले बोले नहीं बुलायेचुप
चुप रहके चुप चुप रहके मेरा धीरज ना तोल
मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल, मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल
भैया भैया कह के भैया भैया कह के, रस प्राणों में घोल
मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल, मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल
मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल
स्वर- मोहम्मद अज़ीज़ और रवींद्र जैन
गीत- रवींद्र जैन
संगीत- रवींद्र जैन
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