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What is complete blood count test in hindi

What is complete blood count test in hindi

What is complete blood count test in hindi : पूर्ण रक्त गणना (Complete Blood Count, CBC) हमारे खून में परिसंचारी कोशिकाओं के बारे में विशेष रूप से लाल रक्त कोशिकाओं (RBC) , सफ़ेद रक्त कणिकाएं या कोशिकाएं (WBC) और प्लेटलेट्स (Platelets) के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देता है।

पूर्ण रक्त गणना (सीबीसी) क्या है? – What is CBC

जिनमें सबसे मुख्य हैं लाल रक्त कणिकाएं (RBC), और प्लेटलेट्स (Platelets)। डॉक्टर इन सभी की जाँच आपमें देखे जाने वाले लक्षणों जैसे थकावट, बेहोशी या कोई चोट के आधार पर करता है। इस टेस्ट के द्वारा किसी भी व्यक्ति में होने वाली कई समस्याओं का पता लगाया जा सकता है | 

सीबीसी CBC में कौन-कौन से टेस्ट किए जाते हैं?

  1. सफेद रक्त कोशिका (डब्ल्यूबीसी, ल्यूकोसाइट) काउंट 
  2. सफेद रक्त कोशिका प्रकार (डब्ल्यूबीसी differential) 
  3. लाल रक्त कोशिका indices 
  4. हीमोग्लोबिन (एचबी) 
  5. लाल रक्त कोशिका (आरबीसी) काउंट 
  6. हेमेटोक्रिट (एचसीटी, packed cell volume, पीसीवी) 
  7. प्लेटलेट (थ्रोम्बोसाइट) काउंट 
  8. Mean प्लेटलेट वॉल्यूम (एमपीवी)

What is complete blood count test in hindi – CBC report in Hindi

1. सफेद रक्त कोशिका (डब्ल्यूबीसी, ल्युकोसैट) की गिनती : WBC शरीर को संक्रमण से बचाती है। यदि शरीर में कोई बैक्टीरिया पैदा होता है, तो ये सफेद रक्त कोशिकाएं क्रियाशील हो जाती हैं और बेक्टिरया, वायरस और दूसरे विषाणुओं पर आक्रमण कर उन्हें नष्ट कर देती हैं। सफ़ेद रक्त कणिकाएं, लाल रक्त कणिकाओं से बड़ी होती हैं। लेकिन इनकी संख्या लाल रक्त कोशिकाओं से कम होती हैं। जब किसी व्यक्ति को बैक्टीरिया से संक्रमण हो जाता है तो यह कोशिकाएं उन्हें फटाफट खत्म कर देती हैं। इसीलिए कभी-कभी सफ़ेद रक्त कोशिकाओं की जांच शरीर में कैंसर जैसी बीमारी में यह देखने के लिए की जाती है, कि उपचार का इस बीमारी पर क्या प्रभाव पड़ रहा है।
सफेद रक्त कोशिकाएं (डब्ल्यूबीसी, ल्युकोसाइट) गणना रिफरेन्स रेंज (Range)पुरुष और ऐसी महिलाएं जो गर्भवती नहीं हैं।5,000–10,000 WBCs per cubic millimeter (mm3) or 5.0–10.0 x 109 WBCs per liter (L)

2. सफ़ेद रक्त कोशिकाओं के कुछ प्रकार: इन कोशिकाओं के प्रकार इस तरह से हैं, लिम्फोसाइट्स, मोनोसाइट्स, न्यूट्रोफिल, बेसोफिल और ईोसिनोफिल हैं।ये सभी कोशिका मानव शरीर की रक्षा करने में अलग-अलग भूमिका निभाते हैं।साथ ही इन कोशिकाओं की रक्त में मात्रा से भी शरीर की रोग-प्रतिरोधी क्षमता का पता चलता है। रक्त में बहुत ज्यादा या बहुत कम रक्त कोशिकाओं के होने से अलग-अलग प्रकार की एलर्जी और संक्रमण दवाइयों के दुष्प्रभावों जैसे ल्यूकीमिया (Leukaemia) का पता चलता है।

सफेद रक्त कोशिकाओं के प्रकार (WBC अंतर) रिफरेन्स रेंज (Range)

  • न्यूट्रोफिल – 50%–62%
  • बैंड न्यूट्रोफिल – 3%–6%
  • लिम्फोसाइटों – 25%–40%
  • मोनोसाइट्स – 3%–7%
  • इयोस्नोफिल्स – 0%–3%
  • बसोफिल्स – 0%–1%

3. लाल रक्त कोशिका सूचकांक:  तीन प्रकार की लाल रक्त कोशिकाएं का सूचकांक तीन प्रकार का होता है: 
1) Mean Corpuscular Hemoglobin MCH (मीन कॉर्पस्क्युलर हीमोग्लोबिन) यह औसत लाल रक्त कोशिका में मौजूद एचबी की सामग्री है।MCH में वृद्धि: एमसीवी मूल्यों से सहसंबंधित और आमतौर पर समान प्रवृत्ति का पालन करें।MCH में कमी: दर्पण एमसीवी परिणाम; मैक्रोसाइटैटिक आरबीसी बड़े होते हैं इसलिए उच्च एमसीएच होता है।

2) MCV (मीन कॉर्पस्कुलर वॉल्यूम) – यह लाल रक्त कोशिका की औसत मात्रा हैMCV में वृद्धि: यह दर्शाता है कि आरबीसी सामान्य (मैक्रोसाइटेटिक) से बड़ा है |उदाहरण के लिए एनीमिया विटामिन बी 12 या फोलेट की कमी, मायलोडीज़प्लासिया, लीवर रोग, हाइपोथायरॉडीज्म के कारण होता है।MCV में कमी: यह संकेत देता है कि आरबीसी सामान्य (माइक्रोक्यैटिक) से छोटा है | थैलेसीमिया या आयरन की कमी एनीमिया का कारण होता है।

3) Mean Corpuscular Hemoglobin Concentration (MCHC) (मीन कॉर्पस्क्युलर हैमोग्लोबिन ) कॉन्सेंट्रेशन) हेमटोक्रिट की दी गई मात्रा में हेमोग्लोबिन की औसत मात्रा मौजूद है। यह आरबीसी के आकार, आकृति और शारीरिक विशेषताओं को मापता है।

MCHC में वृद्धि: एमसीएचसी स्तर उच्च होने का मुख्य कारण स्फेरोसाइटोसिस है। यह शरीर में फोलिक एसिड या विटामिन बी 12 के बहुत कम होने के कारण भी हो सकता है।
MCHC में कमी: दर्पण एमसीवी परिणाम; छोटे लाल कोशिकाओं का कम मूल्य होगा। यह संकेत देता है कि आरबीसी सामान्य (माइक्रोक्यैटिक) से कम है | आयरन की कमी या थैलेसीमिया एनीमिया का कारण होता है।

  • लाल रक्त कोशिका का सूचकांक रिफरेन्स रेंज (Range)
  • मीन कोरपुसकुलर वॉल्यूम (MCV)—वयस्कों में – 84–96 फेमटोलीटेर्स (एफ.एल)
  • मीन कॉर्पस्कुलर हीमोग्लोबिन (MCH)—वयस्कों में – 28–34 पिकोग्राम्स (पी.जी) प्रति सेल
  • मीन कॉर्पस्कुलर हीमोग्लोबिन कंसंट्रेशन (MCHC)—वयस्कों में – 32–36 एक लिटर का दशमांश प्रति ग्राम (ग्राम / डीएल)

4. हीमोग्लोबिन (HGB): हीमोग्लोबिन अणु लाल रक्त कोशिकाओं को भरते हैं। यह न सिर्फ शरीर में ऑक्सीजन को ले जाते हैं बल्कि कोशिकाओं का लाल रंग भी इसी की वजह से होता है। हीमोग्लोबिन टेस्ट के द्वारा रक्त में हीमोग्लोबिन की जांच की जाती है | यह टेस्ट पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जाने की खून की क्षमता को मापता है और रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा को भी मापता है।
हीमोग्लोबिन (HGB) रिफरेन्स रेंज (Range)

  • पुरुष – 14–17.4 ग्राम/ डेसीलीटर (जी / डीएल) या 140–174 ग्राम/ लीटर (ग्रा / एल)
  • महिलाएं – 12–16 जी / डीएल या 120–160 ग्रा / एल
  • बच्चे – 9.5–20.5 जी / डीएल या 95–205 ग्रा / एल
  • नवजात शिशु – 14.5–24.5 जी / डीएल या or 145–245 ग्रा / एल

सामान्य, हीमोग्लोबिन की मात्रा हेमटोक्रिट के एक-तिहाई हिस्से के बराबर होती है।

5. लाल रक्त कोशिकाएं (RBC) गणना: लाल रक्त कोशिकाओं आपके शरीर में ऑक्सीजन लेती हैं और कार्बन डाइऑक्साइड को हटा देती हैं।
एक सीबीसी आपके लाल रक्त कोशिकाओं के दो कंपोनेंट्स का पालन करता है।
1. हीमोग्लोबिन: ऑक्सीजन-ले जाने वाले प्रोटीन
2. हेमटोक्रिट: आपके रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं का प्रतिशत।

यदि शरीर में लाल रक्त कणिकाओं की कमी हो जाए तो इसे एनीमिया यानी खून की कमी कहा जाता है। लाल रक्त कणों के कम होने से ऑक्सीजन भी पूरे शरीर को नहीं मिल पाती। वहीं यदि लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या ज्यादा हो जाए तो उस स्थिति को पॉलिसिथिमिया (Polisithimia) कहा जाता है। वहीं एक परिस्थिति यह भी हो सकती है कि लाल रक्त कोशिकाएं एक दूसरें से चिपक जाएं। यदि ऐसा हो जाए तो वह छोटी-छोटी रक्त वाहिकाओं को रोक देती हैं। इसकी वजह से भी पूरे शरीर को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती।

लाल रक्त कोशिका गणना (RBC count) रिफरेन्स रेंज (Range)

  • पुरुष – 4.5–5.5 प्रति माइक्रोलीटर (एमसीएल) मिलियन लाल रक्त कोशिकाएं या 4.5–5.5 x 1012/लीटर (एल)
  • महिलाएं – 4.0–5.0 प्रति एमसीएल मिलियन लाल रक्त कोशिकाएं or 4.0–5.0 x 1012/L
  • बच्चे – 3.8–6.0 प्रति एमसीएल मिलियन लाल रक्त कोशिकाएं or 3.8–6.0 x 1012/L
  • नवजात शिशु – 4.1–6.1 प्रति एमसीएल मिलियन लाल रक्त कोशिकाएं or 4.1–6.1 x 1012/L

6. हेमाटोक्रिट ((HST)– हेमेटोक्रिट (जिसे पीसीवी पैक्ड सेल वॉल्यूम भी कहा जाता है) इस टेस्ट के द्वारा रक्त में उस जगह का पता लगाया जाता है जिसे लाल रक्त कोशिकाओं ने घेरा होता है। ह एक सरल रक्त परीक्षण है जो रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) का प्रतिशत निर्धारित करता है। उदाहरण के तौर पर, 38 हेमाटोक्रिट का मतलब है कि रक्त का 38% लाल रक्त कोशिकाओं से बना है। हेमाटोक्रिट और हीमोग्लोबिन ऐसे दो महत्वपूर्ण टेस्ट हैं जो शरीर में एनीमिया और पोलिसिथिमिया के होने की जानकारी देते हैं।

हेमाटोक्रिट (HCT) रिफरेन्स रेंज (Range)

पुरुष – 42%–52% या 0.42–0.52 वॉल्यूम फ़्रैक्शन

महिलाएं – 36%–48% या 0.36–0.48 वॉल्यूम फ़्रैक्शन

बच्चे – 29%–59% या 0.29–0.59 वॉल्यूम फ़्रैक्शन

नवजात शिशु – 44%–64% या 0.44–0.64 वॉल्यूम फ़्रैक्शन

7. प्लेटलेट (थ्रोम्बोसाइट) गणना: प्लेटलेट्स सबसे छोटी रक्त कोशिकाएं हैं |

ये रक्त का थक्का बनने में महतवपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यदि किसी को खून बहता है तो प्लेटलेट आपस में चिपक जाते हैं और चिपचिपे होकर रक्त के ज्यादा बहाव को नियंत्रित करते हैं। यदि इनकी संख्या कम हो जाए तो अनियंत्रित खून बहने जैसी समस्या हो जाती है। लेकिन इनकी संख्या यदि बढ़ जाए तो इस से रक्त कोशिकाओं में रक्त का थक्का बनने की स्थिति पैदा हो जाती है। इसके अलावा यह धमनियों (अथेरोस्क्लेरोसिस) को सख्त भी बना सकते हैं।प्लेटलेट (थ्रोम्बोसाईट) गणना रिफरेन्स रेंज (Range)
व्यसक – 140,000–400,000 प्लेटलेट्स प्रति mm3 या 140–400 x 109/L

बच्चे – 150,000–450,0003 प्रति प्लेटलेट्स प्रति mm3 या 150–450 x 109/L

7. मीन प्लेटलेट वॉल्यूम (MPV)
प्लेटलेट की मीन मात्रा, प्लेटलेट्स की औसत राशि (मात्रा) की माप करती है। मीन प्लेटलेट मात्रा का प्रयोग प्लेटलेट मात्रा अन्य कई रोगों की जानकारी के लिए भी किया जाता है।

इस टेस्ट में रक्त की एक बूँद को एक स्लाइड पर रखा जाता है और इसमें एक डाई मिलाई जाती है। इसके बाद इस स्लाइड को (सूक्ष्मदर्शी) माइक्रोस्कोप के माध्यम से देखा जाता है। इसके बाद रक्त में कोशिकाओं की संख्या, आकर सबको देखा जाता है। यदि इसके द्वारा रक्त कोशिकाओं में उनकी संख्या, रंग आकार में कोई बदलाव दिखता है तो उसके आधार पर लुकीमिया, मलेरिया और दूसरी बीमारियों का पता लगाया जाता है।

प्लेटलेट की मीन मात्रा (एमपीवी)

व्यसक – 7.4-10.4 mcm3 या 7.4-10.4 FL

बच्चे – 7.4-10.4 mcm3 या 7.4-10.4 FL

क्यों जरुरी है पूर्ण रक्त गणना (complete blood count)?

कम्प्लीट ब्लड काउंट निम्न कारणों से किया जाता है:

  • कमजोरी, थकान, बुखार, वजन घटने या चोट के कारणों और लक्षणों का पता लगाने के लिए। 
  • खून की कमी की जाँच के लिए। 
  • यह पता लगाने के लिए रक्तस्त्राव में कितने खून की हानि हो चुकी है। 
  • पॉलिसाइथिमिया की जांच के लिए। 
  • संक्रमण की जाँच के लिए। 
  • खून की बीमारी जैसे लेकिमिया (Leukemia) की जाँच के लिए। 
  • यह पता लगाने के लिए कि विकिरण (Radiation) उपचार और कुछ दवाइयों के साथ शरीर किस तरह से प्रतिक्रिया दे रहा है। 
  • यह पता लगाने के लिए कि असामान्य रक्तस्त्राव (Abnormal bleeding) शरीर की रक्त कोशिकाओं और काउंट्स (Blood cells and counts) कैसे प्रभावित कर रहीं हैं। 
  • सर्जरी से पहले कम और उच्च मूल्यों की स्क्रीन के लिए 
  • कुछ ख़ास प्रकार की कम या ज्यादा कोशिकाओं का पता लगाने के लिए। इस से कुछ अन्य प्रकार की स्थितियों जैसे बहुत ज्यादा इयोस्नोफिल्स (Eosinophils) होने और न होने का भी पता चल जाता है। इसकी ज्यादता मात्रा शरीर में अस्थमा या संक्रमण के होने का संकेत करती है। 
  • कम्प्लीट ब्लड काउंट को नियमित चेक अप के तौर पर भी किया जा सकता है। ब्लड काउंट टेस्ट के द्वारा स्वास्थ्य की सामान्य जानकारी मिल जाती है। 

नतीजे
इस टेस्ट के द्वारा रक्त के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल जाती है, जैसे रक्त में अलग-अलग प्रकार की कोशिकाओं की संख्या कितनी है। खास कर लाल रक्त कोशिकाओं (Red blood cells), सफ़ेद रक्त कोशिकाओं (White blood cells) और प्लेटलेट के बारे में। डॉक्टर इस टेस्ट को आपके किसी भी लक्षण जैसे चक्कर आना, कमजोरी या चोट के आधार पर कर सकता है। इस टेस्ट के द्वारा अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां जैसे एनीमिया, संक्रमण, और कई कुछ अन्य विकारों के बारे में भी पता चल जाता है।

कुछ और ऐसे परीक्षण हैं जो लाल रक्त कोशिकाओं के लिए किये जा सकते हैं:

एरिथ्रोसाइट अवसादन दर (ESR): ESR परीक्षण में यह देखा जाता है कि कितनी तेजी से RBC टेस्ट ट्यूब में बैठ जाते है। जब शरीर में संक्रमण या कैंसर की वजह से सूजन मौजूद हो तो RBC टेस्ट ट्यूब में सामान्य के अपेक्षा बहुत धीमी गति से नीचे बैठते हैं। CBC की जाँच सामान्य होने के बावजूद ESR परीक्षण द्वारा शरीर में सूजन की बिमारियों का पता लगाया जा सकता है।

रेटिकुलोसाइट काउंट (Reticulocyte count): इस परीक्षण द्वारा, रक्त के नमूने में अपरिपक्व लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या का पता लगाते हैं। सामान्य रूप से परिपक्व लाल रक्त कोशिकाओं की अपेक्षा अपरिपक्व लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या कम होती है। लेकिन अगर आपको हाल ही में रक्त स्त्राव हुआ हो, या किसी अन्य कारण से परिपक्व लाल रक्त कणिकाओं की संख्या कम हुई हो तो इस स्थिति में नई लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या ज्यादा हो जाती है। यह परीक्षण कुछ प्रकार के एनीमिया का पता लगाने और उसके उपचार की जानकारी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

अंतिम बात :

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