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Shree Hari Stotram Lyrics with Meaning – श्री हरि स्तोत्रम् लिरिक्स

Shree Hari Stotram - श्री हरि स्तोत्रम्

दोस्तों यदि आप सम्पूर्ण श्री हरि स्तोत्रम् हिंदी में (Shree hari stotram in hindi) पढ़ना चाहते है तो आप सही आर्टिकल पर आये हो इस आर्टिक्ल में आपको श्रीहरि स्तोत्रम हिंदी और इंग्लिश फोंट्स में मिल जायेगा

श्री हरी विष्णु जगत का पालन तथा आसुरी शक्तियों से रक्षा करते हैं श्री हरि का ये स्तोत्र मन के लिए अत्यंत शान्ति उत्पन्न करता है. यह स्तोत्र इस प्रकार है “Shree Hari Stotram” भगवान विष्णु का सबसे शक्तिशाली मंत्र है

Shree Hari Stotram Detail :

स्तोत्र का नामश्री हरि स्तोत्रम् लिरिक्स
संबंधितश्री हरी विष्णु
भाषासंस्कृत और हिंदी
सूत्रपुराण

Shree Hari Stotram lyrics in Hindi – श्री हरि स्तोत्रम् हिंदी में अर्थ सहित 

जगज्जाल पालम् कचत् कण्ठमालं शरच्चन्द्र भालं महादैत्य कालम्।
नभो-नीलकायम् दुरावारमायम् सुपद्मा सहायं भजेऽहं भजेऽहं।1।

  • जगज्जालपालं- जो विश्व के पालनहार है, रक्षक है
  • चलत्कण्ठमालं- जिनके गले (कंठ) मे चकदार माला सुसोभित है।
  • शरच्चन्द्रभालं – जिनका शरद ऋतु के चंद्रमा समान मस्त्क है
  • महादैत्यकालं- जो असुरो व दैत्यो के काल है।
  • नभोनीलकायं- जिनकी काया नभ के नीले रंग के समान है
  • दुरावारमायं- जिनके पास भ्रम की अजेय शक्तिया है
  • सुपद्मासहायम् – जो देवी लक्ष्मी के साथ रहते है
  • भजेऽहं भजेऽहं – मै उनको भजता हू, उनकी प्रार्थना करता हू

हिंदी में अनुवाद : मैं श्रीहरि की पूजा करता हूं, जो विश्व-जाल रक्षक हैं, जिनके गले में चलती हुई माला है, जिनका माथा शरद-चंद्रमा के समान उज्ज्वल है, जो भयानक राक्षसों का अंत है, जिनके पास नीले-आकाश जैसा शरीर है, जिनके माया (भ्रम) अजेय हैं, और जो पत्नी पद्मा के साथ हैं। मैं उसका प्रशंसक हूं।

सदाम्भोधिवासं गलत्पुष्हासं जगत्सन्निवासं शतादित्यभासम्।
गदाचक्रशस्त्रं लसत्पीत-वस्त्रं हसच्चारु-वक्रं भजेऽहं भजेऽहं।2।

  • सदाम्भोधिवासं – जो हमेशा समुद्र मे रहते है।
  • गलत्पुष्पहासं- जिनकी फूलो जैसी मुस्कान है
  • जगत्सन्निवासं – जो दुनिया मे हर जगह विराजमान है
  • शतादित्यभासं- जिनके पास सौ सौर्यो की चमक है
  • गदाचक्रशस्त्रं- जिनके पास शस्त्र के रुप मे गदा व चक्र है
  • लसत्पीतवस्त्रं- जो पीले वस्त्र पहनते है
  • हसच्चारुवक्त्रं – जिनके चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान है

हिंदी में अनुवाद : मैं श्रीहरि की पूजा करता हूं, जो हमेशा समुद्र (किरासागर) में रहते हैं, जिनके दांत सफेद [सफेद] फूल हैं, जो दुनिया में अच्छे के साथ रहते हैं, जो सौ सूर्यों की तरह उज्ज्वल हैं, जिनके पास गदा और चक्र है शस्त्र, जिसके पास चमकीले पीले वस्त्र हों, और जिसका सुन्दर मुख मुस्कुरा रहा हो। मैं उसका प्रशंसक हूं।

रमाकण्ठहारं श्रुतिवातसारं जलान्तर्विहारं धराभारहारम्।
चिदानन्दरूपं मनोज्ञस्वरूपं धृतानेकरूपं भजेऽहं भजेऽहं।3।

रमाकण्ठहारं- जो लक्ष्मी के गले मे माला है
श्रुतिव्रातसारं- 
जो वेदो के सार है
जलान्तर्विहारं-
 जो पानी के अंदर रहते है
धराभारहारं
– जो पृथ्वी का हार हरते है
चिदानन्दरूपं – जिनके पास एक सदा प्रशन्न वाला रुप है
मनोज्ञस्वरूपं- 
जिनका रुप मन को आकर्षित करता है
ध्रुतानेकरूपं – 
जिन्होने कई रुप धरे है
भजेऽहं भजेऽहं 
– हम उनको भजते है

हिंदी में अनुवाद : मैं श्रीहरि की पूजा करता हूं, जो राम के कंठ के लिए रमणीय हैं, जो श्रुति-झुंड (ग्रंथों) का सार हैं, जिनके पास खेल के मैदान के रूप में आकाश (ब्रह्मांड) है, जो पृथ्वी के भार को दूर करता है, जो विचार और आनंद है, जिसका रूप मनभावन है, और जिसने अनेक रूप धारण किए हैं। मैं उसका प्रशंसक हूं।

जराजन्महीनम् परानन्द पीनम् समाधान लीनं सदैवानवीनम्।
जगज्जन्म हेतुं सुरानीककेतुम् त्रिलोकैकसेतुं भजेऽहं भजेऽहं।4।

जराजन्महीनं– जो जन्म और मृत्यु से मुक्त हो
परानन्दपीनं– 
जो अनंत सुख से भरे है
समाधानलीनं– 
जो हमेशा शांति मे रुचि रखते है। जिनका मन स्थिर रहता है
सदैवानवीनं– 
जो सदैव नवीन प्रतीत होते है।
जगज्जन्महेतुं–
 जो संसार के जन्म का कारण है।
सुरानीककेतुं– 
जो देव सेना के रक्षक है।
त्रिलोकैकसेतुं – 
जो तीनो लोको के बीच सेतु है।
भजेऽहं भजेऽहं – हम उनको भजते है।

हिंदी में अनुवाद : मैं श्रीहरि की पूजा करता हूं, जो वृद्धावस्था और जन्म से मुक्त हैं, जो परम-आनंद (शाश्वत आनंद) से भरे हुए हैं, जिन्होंने अपने मन को आत्मा (स्व) के वास्तविक स्वरूप में स्थिर कर दिया है, जो हमेशा नया है, जो है जगत् का जन्म, देवता की सेना का चमकता सितारा कौन है, और तीनों लोकों के लिए सेतु (समर्थन) कौन है। मैं उसका प्रशंसक हूं।

कृताम्नाय गानम् खगाधीशयानं विमुक्तेर्निदानं हरारातिमानम्।
स्वभक्तानुकूलम् जगद्दृक्षमूलम् निरस्तार्तशूलम् भजेऽहं भजेऽहं।5।

कृताम्नायगानं– जो वेदो के गायक है
खगाधीशयानं– 
जो पक्षियो के राजा पर सवारी करते है
विमुक्तेर्निदानं – 
जो मुक्ति प्रदान करते है
हरारातिमानं
– जो सुश्मनो का मान रखते है
स्वभक्तानुकूलं – जो अपने भक्तो के अनुकूल है
जगद्व्रुक्षमूलं– 
जो जगत वृक्ष के जड है
निरस्तार्तशूलं – 
जो सभी दुखो का निवारण करते है
भजेऽहं भजेऽहं
– हम उनको भजते है।

हिंदी में अनुवाद : मैं श्रीहरि को पूजता हूँ, जिन्हें आम्नय (वेद) ने गाया है, जिनके वाहन के रूप में पक्षियों का राजा है, जो मुक्ति का प्राथमिक कारण है, जो शत्रुओं के अभिमान को दूर करता है, जो अपने भक्त के अनुकूल है, जिसका मूल है वृक्ष के समान संसार और जीवन के कांटों के समान दर्द को दूर करने वाले। मैं उसका प्रशंसक हूं।

समस्तामरेशम् द्विरेफाभ केशं जगद्विम्बलेशम् हृदाकाशदेशम्।
सदा दिव्यदेहं विमुक्ताखिलेहम् सुवैकुन्ठगेहं भजेऽहं भजेऽहं।6।

समस्तामरेशं – जो सभी देवो के स्वामी है
द्विरेफाभकेशं– 
जिनके केश का रंग काला है
जगद्विम्बलेशं – 
जो पृथ्वी को अपना एक कण मानते है
ह्रुदाकाशदेशं– 
जिनके पास आकाश जैसा विशाल शरीर है।
सदा दिव्यदेहं– 
जिनका शरीर दिव्य है
विमुक्ताखिलेहं–
 जो सभी प्रकार के मोह से मुक्त है
सुवैकुण्ठगेहं – 
जो बैकुंठ (स्वर्ग) को अपना घर समझते है
भजेऽहं भजेऽहं
– हम उनको भजते है

हिंदी में अनुवाद : मैं श्रीहरि की पूजा करता हूं, जो सभी अमरों के भगवान हैं, जिनके बालों में भौंरा रंग है, जो गोलाकार-जगत का सबसे छोटा (परमाणु) हिस्सा है, जिसकी आत्मा आकाश (सर्वव्यापी) है, जिसका शरीर हमेशा दिव्य है , जो इस दुनिया में सब कुछ से मुक्त है, और जो वैकुण्ठ में रहता है। मैं उसका प्रशंसक हूं।

सुराली-बलिष्ठं त्रिलोकीवरिष्ठं गुरूणां गरिष्ठं स्वरूपैकनिष्ठम्।
सदा युद्धधीरं महावीर वीरम् महाम्भोधि तीरम् भजेऽहं भजेऽहं।7।

सुरालिबलिष्ठं- जो सब देवो मे बलवान है
त्रिलोकीवरिष्ठं– 
तीनो लोगो मे वरिष्ठ है
गुरूणां गरिष्ठं– 
जो भारी लोगो मे सबसे भारी है
स्वरूपैकनिष्ठं– 
जो एक ही रुप मे उजागर होते है
सदा युद्धधीरं– 
जो सदा लडाइयो मे विजेता होते है
महावीरवीरं– 
जो वीरो मे महावीर है
महाम्भोधितीरं – 
जो आपको समुद्र रुपी जीवन से पार ले जाते है
भजेऽहं भजेऽहं
– हम उनको भजते है

हिंदी में अनुवाद : मैं श्रीहरि की पूजा करता हूं, जो सुर (अर्ध-देवताओं) के शत्रुओं से अधिक शक्तिशाली हैं, जो वरिष्ठों से श्रेष्ठ हैं, जो केवल एक रूप (परमात्मा या ब्राह्मण) में स्थित हैं, जो हमेशा युद्ध में स्थिर रहते हैं, कौन है विशाल वीर से भी अधिक वीर, और जो महान महासागर के तट पर स्थित है। मैं उसका प्रशंसक हूं।

रमावामभागम् तलनग्ननागम् कृताधीनयागम् गतारागरागम्।
मुनीन्द्रैः सुगीतं सुरैः संपरीतं गुणौगैरतीतं भजेऽहं भजेऽहं।8।

रमावामभागं – जो माता लक्ष्मी को अपनी बाई ओर रखते है
तलानग्रनागं– 
जो नागदेवता पर विराजमान रहते है
कृताधीनयागं– 
जो भक्ति,पूजा से प्राप्त किये जा सकते है
गतारागरागं–
 जो सभी सांसारिक मोह से दूर है, जिनकी भक्ति से सारा मोह-माया छूट जाता है
मुनीन्द्रैः सुगीतं– 
जो महान संतो के लिये शुध्द संगीत है
सुरैः संपरीतं–
 जिन्हे सभी देवी-देवता द्वारा सेवा दी जाती है।
गुणौधैरतीतं– 
जो सभी गुणो से भरे है।
भजेऽहं भजेऽहं
-हम उनको भजते है

हिंदी में अनुवाद : मैं श्रीहरि की पूजा करता हूं, जिनके बाईं ओर राम हैं, जिनके सामने सांप का सिर है, जो यज्ञ (यज्ञ करते हुए) से संपर्क किया जा सकता है, जो रंगों और जुनून से परे है, जो ऋषियों द्वारा गाया जाता है, जो घिरा हुआ है अर्ध-देवताओं द्वारा, और जो गुणों के समूह से परे है। मैं उसका प्रशंसक हूं।

फलश्रुति
इदं यस्तु नित्यं समाधाय चित्तं
पठेदष्टकं कण्ठहारम् मुरारे:
स विष्णोर्विशोकं ध्रुवं याति लोकं
जराजन्मशोकं पुनर्विन्दते नो ॥

हिंदी में अनुवाद : यह पाठ जो मुरारी के कंठ की माला के समान है, जो भी इसे सच्चे मन से पढेग, वो निसंदेह सभी प्रकार के दुखो. शोको और जन्म मरण से मुक्त हो जायेगा। वो बैकुंठ धाम को प्राप्त होगा, उसे मोक्ष की प्राप्ति होगी।

श्री हरि स्तोत्रम् का पाठ करने से क्या लाभ होते हैं ?

  • श्री हरि स्त्रोत का पाठ करने से भक्त को मन की शांति मिलती है और वह व्यक्ति सभी बुराइयों और बुरे विचारों से दूर रहता है।
  • इस श्री हरि स्तोत्रम् का नियमित पाठ करने से व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता हे और आत्मविश्वास बढ़ता हे
  • इस श्री हरि स्तोत्रम् का पाठ करने से कठिन से कठिन समय का सामना करके हर समस्या से जीता जा सकता है।
  • श्री हरि स्तोत्रम् का पाठ आपको सभी समस्याओं से मुक्ति देने में मदद करता हे
  • इस स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति का डर भी दूर हो जाता हे
  • श्री हरि स्तोत्रम् का पाठ करने से जीवन में आने वाली विपत्तियाँ दूर होती हैं
  • अपने घर में प्रतिदिन इस श्री हरि स्त्रोत का पाठ करने से आपके घर से हर प्रकार की नकारात्मकता दूर होती है। साथ ही परिवार में विवादों को रोकता है और सुख और शांति बनाए रखने में मदद करता है।

श्री हरि स्तोत्रम् लिरिक्स जगज्जाल पालम् – Shree Hari Stotram lyrics in English

Jagajjalapalam Kachad Kanda Malam,
Sarahandraphalam Mahadaithyakalam,
Nabho Neelakayam Duravaramayam,
Supadmasahayam Bajeham Bajeham.

Meaning in English : I worship and worship him, Who is the protector of the world, Who wears shining garland on his neck, Who has a forehead like autumn moon, Who is the god of death to great asuras, Who has the blue colour of the sky, Who has unstoppable powers of illusion, And who is the helper to Goddess Lakshmi

Sadambhodhi Vasam Galathpushpahasam,
Jagatsannivasam Sathadhithyabhasam,
Gadhachakra Sastram Lasad Peetha Vasthram,
Hasacharu Vakthram Bajeham Bajeham.

Meaning in English : I worship and worship him, Who always lives in the sea, Who has a smile like a flower, Who lives everywhere in the world, Who has the sparkle of hundred suns, Who has mace and holy wheel as armaments, Who wears yellow cloths, And who has a sweet face adorned with smile.

Ramakantaharam Sruthivrathasaram,
Jalantharviharam Dharabharaharam,
Chidanandaroopam Manogna Swaroopam,
Druthaneka Roopam Bajeham Bajeham.

Meaning in English : I worship and worship him, Who is the garland in the neck of Lakshmi, Who is the essence of Vedas, Who lives inside water, Who lightens the weight of earth, Who has a form which is eternally pleasing, Who has a form which attracts the mind, And who has assumed several forms.

Jarajanma Heenam Parananda Peetham,
Samadana Leenam Sadaivanaveetham,
Jagajjanma Hethum Suraneeka Kethum,
Trilokaika Sethum Bajeham Bajeham.

Meaning in English : I worship and worship him, Who does not have birth or aging, Who is full of eternal happiness, Who is always interested in peace, Who does not have anything new, Who is the cause of birth of this world, Who is the protector of the deva army, And who is the bridge between the three worlds.

Kruthamnayaganam Khagadhisayanam,
Vimukthernidhanam Hararadhimanam,
Swabakthanukoolam Jagadvrukshamoolam,
Nirastharthasoolam Bajeham Bajeham.

Meaning in English : I worship and worship him, Who is the singer of the Vedas, Who rides on the king of birds, Who is the cause of salvation, Who kills enemies of Lord Shiva, Who is very partial to his devotees, Who is the root of the tree of the world, And is the exterminator of all sorrows.

Samasthamaresam Dwirephabha Klesam,
Jagat Bimba Lesam Hrudakasa Desam,
Sada Divya Deham Vimukthakhileham,
Suvaikuntageham Bajeham Bajeham.

Meaning in English : I worship and worship him, Who is the lord of all devas, Who has a pretty hair frequented by bees, Who has this earth as a part of him, Who has a body as clear as the sky, Who always has a holy mien, Who has no attachments to this world, And has Vaikunta as his home.

Suralibalishtam Trilokivarishtam,
Gurannangarishtam Swaroopaikanishtam,
Sadyudhadheeram Mahaveeraveeram,
Bhambhoditheeram Bajeham Bajeham.

Meaning in English : I worship and worship him, Who is the strongest among devas, Who is the greatest among the three worlds, Who is the heaviest among heavy people, Who is always heroic in battles, Who is the great hero of heroes, And takes you across the sea of life.

Ramavamabhagam Thalanagna Nagam,
Kruthadeethayagam Gatharagaragam,
Muneendrai Sugeetham Surai Sapareeham,
Ganougairaathetham Bajeham Bajeham.

Meaning in English : I worship and worship him, Who keeps Lakshmi on his left side, Who can be approached by Yagas, Who is not interested in anything, Who carried the Govardhana Mountain, Who is pure music to great sages, Who is served by Devas, And who is above all beings.

श्री हरि स्तोत्रम के लाभ – Benefits of Shree Hari Stotram Lyrics

श्री हरि स्तोत्रम (Shree Hari Stotram) भगवान विष्णु को समर्पित एक पवित्र स्तोत्र है, जो हिंदू धर्म में ब्रह्मांड के संरक्षक और निर्वाहक के रूप में प्रतिष्ठित हैं। माना जाता है कि श्री हरि स्तोत्रम का जाप या पाठ करने से कई लाभ और आशीर्वाद मिलते हैं। श्री हरि स्तोत्र से जुड़े कुछ संभावित लाभ इस प्रकार हैं:

  • भक्ति और भगवान विष्णु के साथ संबंध: श्री हरि स्तोत्रम भक्ति व्यक्त करने और भगवान विष्णु के साथ गहरा संबंध स्थापित करने का एक साधन है। श्रद्धा और ईमानदारी के साथ स्तोत्रम का पाठ या जप करके, भक्त भगवान विष्णु की कृपा और आशीर्वाद मांगते हैं, जिससे परमात्मा के साथ घनिष्ठ संबंध बनता है।
  • सुरक्षा और बाधाओं को दूर करना: माना जाता है कि भगवान विष्णु अपने भक्तों की रक्षा करते हैं और उनके मार्ग से बाधाओं को दूर करते हैं। श्री हरि स्तोत्रम का पाठ उनकी दिव्य सुरक्षा का आह्वान करने और जीवन में आने वाली चुनौतियों और बाधाओं पर काबू पाने के लिए किया जाता है।
  • आध्यात्मिक उत्थान और आंतरिक शांति: श्री हरि स्तोत्रम (Shree Hari Stotram) का जाप करना या सुनना आध्यात्मिक उत्थान और आंतरिक शांति लाने वाला माना जाता है। यह मन को शांत करने, तनाव कम करने और शांति की भावना का अनुभव करने में मदद करता है। स्तोत्रम भगवान विष्णु की दिव्य ऊर्जा से जुड़ने और शांति की स्थिति प्राप्त करने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में कार्य करता है।
  • भौतिक और आध्यात्मिक समृद्धि के लिए आशीर्वाद: भगवान विष्णु बहुतायत और समृद्धि से जुड़े हैं। माना जाता है कि श्री हरि स्तोत्रम भौतिक कल्याण, वित्तीय समृद्धि और प्रयासों में सफलता के लिए उनका आशीर्वाद आकर्षित करता है। यह आध्यात्मिक विकास, ज्ञान और ज्ञान लाने वाला भी माना जाता है।
  • उपचार और कल्याण: श्री हरि स्तोत्रम का पाठ या जप करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। माना जाता है कि भगवान विष्णु में उपचार गुण होते हैं, और स्तोत्रम का पाठ अच्छे स्वास्थ्य, जीवन शक्ति और समग्र कल्याण के लिए उनका आशीर्वाद लेने के लिए किया जाता है।
  • मुक्ति और मोक्ष: भगवान विष्णु को मुक्ति और मोक्ष (आध्यात्मिक मुक्ति) प्राप्त करने के लिए परम आश्रय माना जाता है। श्री हरि स्तोत्रम का जाप जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति पाने और दिव्य चेतना के साथ मिलन की आकांक्षा के साथ किया जाता है।

भक्ति, विश्वास और ईमानदारी के साथ श्री हरि स्तोत्रम (Shree Hari Stotram) का पाठ या जप करना महत्वपूर्ण है। स्तोत्र के लाभ एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो सकते हैं, और वास्तविक सार आध्यात्मिक संबंध और भगवान विष्णु की दिव्य ऊर्जा के प्रति समर्पण में निहित है। स्तोत्र के अर्थ और महत्व के नियमित अभ्यास और समझ से भक्त के जीवन पर इसका प्रभाव गहरा हो सकता है।

श्री हरि स्तोत्रम् लिरिक्स (Shri Hari Stotram Lyrics in Hindi )

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निष्कर्ष :

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हमें उम्मीद है की श्री हरि के भक्तो को यह श्री हरि स्तोत्रम् लिरिक्स वाला आर्टिकल बहुत पसंद आया होगा। 

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