राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 52 ICANSPIRIT 8:43 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी कभी बरगद के वृक्ष को देखा है? कितना विशाल होता है, कभी-कभी भय लगता है कि इन भारी डालों का बोझ इतना सह भी पायेगा ... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 51 ICANSPIRIT 2:00 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी जीव जन्म लेता है और उसके साथ ही जागती है उसकी “स्मृति” स्मृति बड़ी ही बलशाली किन्तु विचित्र अनुभूति होती है, सदा आ... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 49 ICANSPIRIT 2:50 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी अक्सर आपने आपके माता-पिता, आपके हितैषी, आपके शुभचिंतकों के मुँह से सुना होगा इसे कुदृष्टि लग गयी है, इसकी कुद... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 50 ICANSPIRIT 2:50 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी बालपन से कई पहेलियाँ सुलझायी होंगी आपने, क्यों? तो आज एक और सुलझा लीजिये, बताइये आपके जीवन में वो कौन सी वस्तु ह... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 40 ICANSPIRIT 2:49 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी जबसे मनुष्य का जन्म हुआ है, जन्म हुआ है “जान-पहचान” का और आज के युग में तो व्यक्ति का मूल्यांकन ही इससे किया जाता ... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 39 ICANSPIRIT 8:14 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी हम मनुष्य साथ रहते है। आनंद, पीड़ा मिल-जुल कर बांटते है, समय पड़ने पर सहायता देते है, सहायता लेते भी है। किन्... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 38 ICANSPIRIT 8:09 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी लोग सदैव मुझसे ये प्रश्न करते रहते है कि मित्रता का मतलब क्या है, इस प्रेम का मतलब क्या है? और मैं, मैं बस मुस... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 37 ICANSPIRIT 8:04 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी हमारे पास अक्सर बहुत लोग आते है, कुछ को हम समय देते है, कुछ का हम तिरस्कार करते है। किन्तु तिरस्कार कभी नहीं करना ... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 36 ICANSPIRIT 8:00 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी हम अपने संबंधों के साथ जीते है, उत्सव मनाते है, खेलते है, खाते है, आनंद मनाते है। किन्तु जब कोई प्रिय हमसे दू... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 35 ICANSPIRIT 7:57 pm हम सबको कभी ना कभी तो क्रोध आता ही है और आएगा भी। मनुष्य है, इन्हीं भावों से हम जुड़े है। किन्तु ये क्रोध क्यों आता है, कभी सोचा है आपने? ... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 34 ICANSPIRIT 7:29 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी अक्सर आपके बड़े-बूढ़ों ने आपसे कहा होगा कि ये संसार दुःख का मूल है और ईश्वर भक्ति उस दोष से दूर जाने का मार्ग है... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 33 ICANSPIRIT 7:28 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी कभी आपने सोचा है इस संसार में हम सबसे अधिक किससे जुड़े है? अब कोई कहेगा माता-पिता, कोई कहेगा मित्र, कोई कहेगा पत... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 32 ICANSPIRIT 2:07 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत । अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥ जब जब धरती पर पाप बढ़ता है, धर... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 31 ICANSPIRIT 7:48 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी जीवन में हम कई लोगों से मिलते है, आप भी ऐसे कई लोगों से मिले होंगे जिन्होंने स्वयं को असफल मान लिया हो, नि... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 30 ICANSPIRIT 7:25 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी ग्रंथों में लिखा गया है कि यदि मनुष्य मौन रहना सीख ले तो उसकी अधिकांश समस्याएं स्वयं ही समाप्त हो जाती है और ... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 29 ICANSPIRIT 7:22 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी असमंजस में होंगे ना आप कि मैं ये क्या कर रहा हूँ? क्या लिख रहा हूँ? देखना चाहेंगे? अब आप सोच रहे होंगे कि मैं म... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 28 ICANSPIRIT 7:20 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी मनुष्य की “सोच” संसार का सबसे गहन या कहो सबसे कठिन भाव है। कब क्या होने के पश्चात ये मन क्या सोच बैठेगा ये कहना अस... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 27 ICANSPIRIT 7:19 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी कितनी सुन्दर पुस्तक है ना? सुन्दर आवरण है, सजाये हुए पृष्ठ है, किन्तु क्या ये सत्य में अद्भुत पुस्तक कहलाने की प... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 20 ICANSPIRIT 11:00 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी हम में ऐसा कोई नहीं होगा जिसने वृक्षों को नहीं देखा, वृक्षों पर इन पक्षियों का ना देखा, इनके घोंसलों को ना देखा, इ... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 19 ICANSPIRIT 10:59 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी एक पिता के लिए उसकी संतान गर्व है, उसका अहंकार है और संतान के लिए उसके पिता उसका आदर्श, उसकी प्रेरणा। बि... Continue Reading